
Varanasi flyover incident
अलीगढ़। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कैंट स्थित पुल गिरने से 18 लोगों की मौत हुई है। इनमें एक व्यक्ति उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के गृह जिले अलीगढ़ का भी है। उसके मरने की खबर बुधवार को आई। इससे पूरे इलाके में मातम है। गांव के कई लोग वाराणसी रवाना हो गए हैं। गुरुवार को शव गांव में आएगा।
परिजन वाराणसी रवाना
तहसील खैर के गांव बाजिदपुर निवासी भवनाशंकर पुत्र राम प्रकाश वर्मा किसी काम से वाराणसी गए थे। मंगलवार को पुल गिरने से भवानी शंकर भी दब गए। अस्पताल में उसकी मौत हो गई। पुल गिरने की सूचना के बाद से ही भवानी शंकर से बातचीत नहीं हो पा रही थी। इससे परिजन चिन्तित थे। बुधवार को भवानी शंकर के मरने की खबर आई तो परिवार में चीत्कार मच गया। मृतक के घर लोग पहुंचने लगे। सांत्वना देने लगे। परिवार और गांव के कई लोग वाराणसी रवाना हो गए हैं। गुरुवार को भवानी शंकर का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
पुल की कहानी
बता दें कि वाराणसी के कैंट इलाके में पुल का निर्माण किया जा रहा था। 1710 मीटर लंबे मीटर पुल के 43 खंबों का निर्माण हो चुका था। बीम गिरने से हादसा हुआ। कई कारें और लोग इसके नीचे दब गए। रात्रि में ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे। जांच कमेटी बना दी गई है, जिसे 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट देनी है। राज्य सेतु निगम इस पुल का निर्माण कर रहा था। कुछ अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। पुल की लागत 77 करोड़ रुपये से अधिक थी। यह पुलिस मायावती के राज में शुरू हुआ था। अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री रहते हुए पुल के लिए धनराशि दी। योगी आदित्यनाथ की सरकार में पुल का निर्माण तेजी से किया जा रहा था। इस पुल की डिजाइन पर शुरू से ही अंगुलियां उठाई जा रही थीं। भारी वाहनों के कारण पुल की बीम हिलने लगी थी। अधिकारियों ने अपनी कारस्तानी छिपाने के लिए भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया था।
Published on:
16 May 2018 11:03 pm
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