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एक दिन में तीन स्वरूपों में दर्शन देती हैं माता, जानें इस अनोखे मंदिर की कहानी

Chaitra Navratri: मध्य प्रदेश के अलीराजपुर में एक ऐसा मंदिर है जहां माता के तीन रूपों के दर्शन एक दिन के अंदर हो जाते है। 5 अप्रैल को दुर्गाष्टमी हवन और 6 अप्रैल को राम नवमी के साथ नवरात्र का समापन होगा।

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In Bhadrakali Mata temple of Alirajpur mp one can see three forms of goddess within a day

Chaitra Navratri: चैत्र नवरात्र की शुरुआत रविवार को नवसंवत्सर के साथ हुई। इस बार नवरात्र 9 की बजाय 8 दिनों की ही रहेगी। 5 अप्रैल को दुर्गाष्टमी का हवन होगा, जबकि 6 अप्रैल को श्रीराम नवमी धूमधाम से मनाई जाएगी। अलीराजपुर के ग्राम रायपुरिया में स्थित भद्रकाली माता मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ है। मंदिर की चमत्कारी और मनोहारी मूर्तियों के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु प्रतिदिन सुबह-शाम पैदल दर्शन करने पहुंच रहे हैं। आसपास के गांवों की महिलाएं और बालिकाएं रात में गरबा रास करने भी यहां आती हैं।

रियासतकालीन विरासत की झलक

रायपुरिया के भद्रकाली माता मंदिर का ऐतिहासिक महत्व भी है। वरिष्ठ नागरिक मनोहरलाल भटेवरा बताते हैं कि यह मंदिर करीब पांच सौ साल पुराना है। मंदिर का दो बार जीर्णोद्धार किया गया है — पहली बार 1672 ई. में राजस्थान से आए भटेवरा समाज द्वारा और दूसरी बार नगर के राजपरिवार द्वारा। पौराणिक कथाओं के अनुसार, पंपापुर सरोवर के किनारे भीम की पत्नी ने नरबलि रोकने के लिए माता को प्रसन्न किया था, क्योंकि घटोत्कच्छ की बली चढ़ाने की आशंका थी। इसी कारण पास बहने वाली नदी को पंपी नदी कहा जाता है।

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माता के तीन दिव्य स्वरूप

मंदिर के पुजारी के अनुसार, भद्रकाली और चामुंडा माता की प्रतिमा दिन में तीन बार रूप बदलती हैं। प्रातः 12 बजे तक माता बाल रूप में, दोपहर को युवा स्वरूप में और शाम 6 बजे से सूर्योदय तक वृद्ध रूप में दर्शन देती हैं। यह अलौकिक दृश्य भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होता है।

पंचांग के अनुसार 8 दिन की नवरात्र

पंडित नरेंद्र नंदन दवे ने बताया कि इस बार नवरात्र 8 दिन की रहेगी, क्योंकि 2 अप्रैल को चतुर्थी और पंचमी तिथि एक ही दिन पड़ने के कारण एक दिन कम हो जाएगा। शास्त्रों में चैत्र नवरात्र का विशेष महत्व बताया गया है। इन 8 दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है, जिनमें मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री शामिल हैं।