2020 में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले से हुआ था गिरोह का भंडाफोड़ जून 2020 में 69 हजार शिक्षक भर्ती में चयन कराने के लिए प्रतापगढ़ के रहने वाले युवक से पैसा लिया गया था। जब युवक का फाइनल सलेक्शन नहीं हुआ तो उसने मामले की जानकारी सोरांव थाने को दी। अभ्यर्थी राहुल सिंह ने गैंग को साढ़े आठ लाख दिए थे लेकिन पास नहीं हुआ। शिकायत पर सोरांव पुलिस ने कपसा बहरिया निवासी सरकारी अस्पताल के डाक्टर केएल पटेल, भदोही के रुद्रपति दुबे, मायापति दुबे, मीरजापुर के आलोक उर्फ धर्मेंद्र नवाबगंज के शशिप्रकाश, हरिकृष्ण, कमल पटेल और रंजीत के खिलाफ मुकदमा कायम किया। इसके बाद केएल पटेल और अन्य की गिरफ्तारी की गई। गैंग में मुख्य रूप से केएल पटेल रुपये लेकर नौकरी दिलाने का काम करता था। आरोप में 18 लोगों की गिरफ्तारी की गई और केएल पटेल समेत को जेल भेज दिया गया था। कुछ दिन बाद जमानत होने से वह बाहर आ गया। रिपोर्ट आने के बाद से गैंगस्टर एक्ट की धारा 14 (1) के तहत कार्रवाई की जाएगी।
लगभग 50 करोड़ से अधिक संपत्ति 69 हजार शिक्षक भर्ती में एसटीएफ ने जांच के दौरान जानकारी एकत्रित किया था कि केएल पटेल का गंगापार में इंटर कालेज, फार्मेसी कॉलेज सहित कुल 6 कॉलेज हैं। मायापति दुबे के पास भदोही में आलीशान मकान, इंटरलाकिंग का भट्ठा और चंद्रमा यादव के पास भी कालेज समते कई तमाम प्रापर्टी है। ये प्रापर्टी 50 करोड़ रुपये से अधिक की है। प्रयागराज एसएसपी अजय कुमार ने कहा कि गैंगस्टर एक्ट में शामिल जितने भी अभियुक्तों ने अवैध संपत्ति अर्जित की है उसे कुर्क की जाएगी। जांच टीम को इस बारे में निर्देशित कर दिया गया है।