
इलाहाबाद हाईकोर्ट: काजलिस्ट प्रकाशित करने की अधिवक्ता संगठन ने की मुख्य न्यायाधीश से मांग
प्रयागराज: जूनियर लायर्स एसोसिएशन उप्र, प्रयागराज अधिवक्ता संघ, आदर्श अधिवक्ता संघ, अधिवक्ता समन्वय समिति,यंग लायर्स एसोसिएशन सहित तमाम अधिवक्ता संगठनों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट मुख्य न्यायधीश राजेश बिंदल से जुलाई माह से काजलिस्ट का अविलंब प्रकाशन शुरू करने की मांग की गई है। संगठनों ने पिछले दो साल से जारी डिजिटलीकरण का खामियों को दुरुस्त करने में नाकामी को देखते हुए यह मांग की है। कोरोना काल से काजलिस्ट का प्रकाशन बंद कर दिया गया है। जिससे पुराने केसों की सुनवाई व्यवस्था छिन्नभिन्न हो गई है। कुछ पुराने मुकद्दमे अतिरिक्त काजलिस्ट आनलाइन जारी कर सुनवाई की जा रही है। अधिवक्ताओं को केस लगने की सूचना नहीं भेजी जाती जिसके कारण अदम पैरवी में केस खारिज होने से न्यायालय पर बोझ ही बढ रहा है।
एक जुलाई 22 को कोर्ट संख्या पांच में लगभग आठ सौ नये केस लिस्ट किये गए हैं। एक कोर्ट अधिकतम सौ केस ही सुने पाती है। इसी तरह से अन्य कोर्टों में भारी संख्या में मुकद्दमे लगाना और अंदर में छोड़ देने से अधिवक्ताओं में भारी आक्रोश देखा जा रहा है।
अधिवक्ता संगठनों ने कहा है कि यदि 4जुलाई सेनियमित व्यवस्था नहीं अपनाई गई तो अधिवक्ता आंदोलन के लिए विवश होंगे।
जूनियर लायर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एम के तिवारी व सचिव जी पी सिंह, प्रयागराज अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार चटर्जी व महासचिव राजेश त्रिपाठी, आदर्श अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष शरद चंद्र मिश्र व महासचिव सभाजीत सिंह, अधिवक्ता समन्वय समिति के कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र कुमार सिंह,यंग लायर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष कुमार त्रिपाठी व महासचिव जे बी सिंह, उपाध्यक्ष भानु देव पांडेय, अशोक सिंह,बृजेश श्रीवास्तव,संजय कुमार यादव,पवन श्रीवास्तव,बी डी निषाद,आदि अधिवक्ताओं ने मुख्य न्यायाधीश से व्यवस्था खामियो को दुरुस्त करने की मांग की है।
Published on:
01 Jul 2022 02:28 pm
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