31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्रुप सी भर्ती को लेकर सरकार को दी बड़ी राहत, जानिए वजह

मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा है कि 152 चयनित में से एक तिहाई 47 लोगों के चयन में जांच में गड़बड़ी पाई गई। नियमानुसार परीक्षा व साक्षात्कार से चयन के बजाय केवल साक्षात्कार से चयन किया गया। ऐसे में उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने भर्ती में नियमों को अनदेखा किया है।

less than 1 minute read
Google source verification
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हैंडलूम एवं टेक्स्टाइल विभाग में 2015 की ग्रुप सी भर्ती में सरकार को बड़ी राहत दी, जानिए वजह

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हैंडलूम एवं टेक्स्टाइल विभाग में 2015 की ग्रुप सी भर्ती में सरकार को बड़ी राहत दी, जानिए वजह

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हैंडलूम एवं टेक्सटाइल विभाग में 2015 में हुई ग्रुप सी के 152 पदों पर हुए भर्ती में व्यापक गड़बड़ी की वजह से सरकार द्वारा चयन प्रक्रिया निरस्त करने को सही करार दिया है। इसके साथ ही सरकार के आदेश को रद कर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने के एकलपीठ के फैसले को रद् कर दिया है।

मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा है कि 152 चयनित में से एक तिहाई 47 लोगों के चयन में जांच में गड़बड़ी पाई गई। नियमानुसार परीक्षा व साक्षात्कार से चयन के बजाय केवल साक्षात्कार से चयन किया गया। ऐसे में उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने भर्ती में नियमों को अनदेखा किया है।

यह भी पढ़ें: फरारी काट रहे आरोपियों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया सख्त आदेश, जाने क्यों नहीं मिलेगी अग्रिम जमानत

हाईकोर्ट ने कहा कि चयन होने मात्र से किसी को नियुक्ति का अधिकार नहीं मिल जाता। किसी चयनित की नियुक्ति नहीं की जा सकी थी। राज्य सरकार ने उचित कारण और सदाशयता से चयन में अनियमितता को देखते हुए चयन प्रक्रिया निरस्त की है। यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी तथा न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने राज्य सरकार की विशेष अपीलों को स्वीकार करते हुए दिया है। अपील पर अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार सिंह व प्रणव कुमार गांगुली ने सरकार की तरफ से बहस की।

यह भी पढ़ें: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने RO/ARO भर्ती में नियुक्त पत्र जारी करने पर लगाई रोक, जानिए वजह

कोर्ट ने हाईकोर्ट प्रशासन से एक हफ्ते में याचिका पर जवाब मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने राबिन सिंह व 38 अन्य की याचिका सहित एक दर्जन याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया है।