
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा से मांगा जवाब, ग्रेच्युटी भुगतान पर जिलों में अलग-अलग तरीका क्यों
प्रयागराज: बेसिक शिक्षा परिषद के विभिन्न जिलों में ग्रेच्युटी भुगतान को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक सचिव जवाब मांगा है। कोर्ट ने पूछा कि अलग-अलग जिलों में अलग-अलग तरीकों से क्यों किया जाता है भुगतान। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवमानना के एक मामले में सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने विनोद शर्मा व अन्य की याचिका पर दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल अवमानना याचिका पर अधिवक्ता कमल कुमार केशरवानी ने बहस की। इस मामले में मृतक अध्यापक के विकल्प न भरने पर ग्रेच्युटी भुगतान नहीं किए जाने पर हाईकोर्ट ने ऊषारानी के मामले में फैसला दिया है कि विकल्प न होने पर ग्रेच्युटी नहीं रोकी जा सकती। ऐसे में सुनवाई हुई और इसी आधार पर कई याचियों को राहत मिली, लेकिन उन्हें ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं किया गया।
मामले में अधिवक्ता कमल कुमार केशरवानी ने पक्ष रखा कि गोरखपुर, पीलीभीत, बदायूं और अन्य जनपदों में इस तरह के मामलों में ग्रेच्युटी का भुगतान किया जा रहा है, जबकि कुछ जिलों में सर्वोच्च न्यायालय की अपील लंबित होने के कारण नहीं किया जा रहा है। इस पर न्यायालय ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह देखा गया कि यदि किसी को सीआरपीसी की धारा 82 के तहत भगोड़ा अपराधी घोषित किया गया है तो वह अग्रिम जमानत की राहत पाने का हकदार नहीं है। मामले में सुनवाई करते हुए याची ने प्रयागराज की विशेष न्यायाधीश पॉक्सो ने अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया है।
Published on:
10 Apr 2022 11:01 am
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