इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार और नगर निगम को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि नालों की सफाई के लिए सरकार की बनी नीतियों व शासनादेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए। न्यायालय ने यह निर्देश दिया कि प्रयागराज जैसी घटना उत्तर प्रदेश में कहीं और न हो यह सरकार सुनिश्चित करें। मामले में चीफ जस्टिस राजेश बिंदल व जस्टिस जेजे मुनीर की डिविजन बेंच ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कायम की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है।
इस मामले में प्रदेश सरकार की तरफ से अपर अधिवक्ता ने सरकार की तरह पक्ष रखा। इसके साथ जगह-जगह से नालों की सफाई का फोटो ग्राफ्स भी न्यायालय के सामने पेश किया। इन तस्वीरों में बड़े बड़े नालों के अंदर सफाई कर्मी घुसकर बिना कोई मास्क, ग्लब्स या अन्य जीवन रक्षक उपकरणों के काम करते पाए गए। कोर्ट ने इस दृश्य को देखकर कहा कि हम 21वीं सदी में जी रहे हैं और इस तरह की घटना मन को दुखी करने वाला है।
मामले में प्रदेश सरकार की तरफ से कहा गया कि सरकार ने नालों की सफाई आदि के लिए एक नीति बना रखी है। उसी के अनुसार कार्य कराया जाता है। मामले में कोर्ट ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि उनके द्वारा लिए गए इस प्रकार के निर्णय का अधिकारी पूर्णतया पालन करें, ताकि कोई अनहोनी घटित न हो।