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अंतर-धार्मिक विवाहों पर कोर्ट का बड़ा फैसला, शादी से पहले नोटिस लगाना व आपत्ति मंगाना गलत

locationप्रयागराजPublished: Jan 13, 2021 09:02:08 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

लव जिहाद कानून के बीच अंतर-धार्मिक विवाहों (Inter Religion marriage) के मामले में नोटिस जारी करने व आपत्तियां मंगाने को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High court) ने गलत ठहराया है।

Allahabad Highcourt

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क.
लखनऊ. लव जिहाद कानून के बीच अंतर-धार्मिक विवाहों (Inter Religion marriage) के मामले में नोटिस जारी करने व आपत्तियां मंगाने को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High court) ने गलत ठहराया है। कोर्ट ने इसे स्वतंत्रता और निजता के मौलिक अधिकारों का हनन करार दिया व कहा कि यदि शादी से पूर्व ऐसे जोड़े नहीं चाहते कि नोटिस जारी कर उनकी निजी जानकारी सार्वजनिक हो, तो विवाह अधिकारी नोटिस जारी नहीं कर सकता है। नोटिस अधिकारी को आपत्ति मंगाने के लिए नोटिस जारी करने से पूर्व विवाह करने वाले जोड़े की सहमति लेनी जरूरी होगी। इसी के साथ कोर्ट ने एक महीने तक शादी करने वालों की फोटो नोटिस बोर्ड पर लगाने की पाबंदी को खत्म कर दिया है।
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अदालत ने यह फैसला उस याचिका पर सुनाया, जिसमें कहा गया था कि दूसरे धर्म के लड़के से शादी की इच्छा रखने वाली एक बालिग लड़की को हिरासत में रखा गया है। इस जोड़े ने अदालत से कहा था कि शादी से 30 दिन पहले नोटिस देने से उनकी निजता का उल्लंघन हो रहा है। इस नोटिस पर जस्टिस विवेक चौधरी ने कहा कि इस तरह की चीजों (शादी की सूचना) को सार्वजनिक करना निजता और आजादी जैसे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। इसके साथ ही यह अपनी मर्जी से जीवनसाथी चुनने के आड़े भी आता है।
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अदालत ने यह भी कहा किसी के दखल के बिना पसंद का जीवन साथी चुनना एक व्यक्ति का मौलिक अधिकार है। कोर्ट ने आदेश दिया कि यदि शादी कर रहे लोग नहीं चाहते तो उनका ब्यौरा सार्वजनिक न किया जाए। ऐसे लोगों के लिए सूचना प्रकाशित कर उस पर लोगों की आपत्तियां न ली जाएं। हालांकि कोर्ट ने विवाह अधिकारी के सामने यह विकल्प रखा कि वह दोनों पक्षों की पहचान, उम्र व अन्य जानकारियों का सत्यापन कर ले।
दरअसल अब तक अंतरधार्मिक विवाह में जोड़े को जिला मैरिज ऑफिसर को शादी के लिए पहले से लिखित सूचना देनी होती है। शादी से 30 दिन पहले ये सूचना दी जाती है। जिसके बाद अधिकारी अपने कार्यालय में ये नोटिस लगाता है, जिस पर 30 दिनों के भीतर शादी को लेकर कोई आपत्ति करना चाहता है तो कर सकता है।
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