गांधीवादी आंदोलन से नहीं मिलेगा जवाब आंदोलन कर रहे छात्र अजय यादव सम्राट ने कहा कि गांधीवादी तरीके से विश्वविद्यालय समेत जिला प्रशासन एवं दिल्ली के मुख्यालयों के दरवाजे खटखटाये लेकिन कहीं से भी हमें जवाब नहीं मिला, जिसके कारण हम छात्रों को बेबस होकर आमरण अनशन का रास्ता अख्तियार करना पड़ा। पिछले कई दिनों से दर्जनों छात्र सामूहिक आत्मदाह करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन के कानों पर जूं नहीं रेंग रहा। यही तक नहीं बल्कि हम लोगों के ऊपर फर्जी मुकदमे व पीडीए की टीम घर भेज कर बुलडोजर से हटाने की धमकी दी जा रही है।
अघोषित आपातकाल लागू किया गया इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ उपाध्यक्ष एवं प्रदेश अध्यक्ष एनएसयूआई अखिलेश यादव ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अघोषित आपातकाल लागू कर दिया गया है। पिछले 16 दिनों से यहां पर छात्र आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं और लगातार विरोध कर रहे हैं लेकिन विश्वविद्यालय में संवादहीनता इस कदर लागू है कि विश्वविद्यालय प्रशासन का कोई भी प्रशासनिक अधिकारी हम लोगों की मांगों को सुनने अभी तक नहीं आया है। इस आंदोलन को कुचलने के लिए अपने सारे हथकंडे अपनाए हैं। जिस कारण बतौर छात्रसंघ उपाध्यक्ष मैं भी इस आंदोलन में आमरण अनशन पर बैठूंगा। यदि इस दौरान कुलपति फीस वृद्धि वापस नहीं लेती हैं तो इनको मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
आमरण अनशन पर बैठे ये पांच छात्र आमरण अनशन पर बैठे पांच सदस्यीय छात्रों में मुख्य आंदोलन के नेतृत्व करता अजय यादव सम्राट, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ उपाध्यक्ष व प्रदेश अध्यक्ष एनएसयूआई अखिलेश यादव,सारस्वत नितिन भूषण,अजय पाण्डेय बागी, सिद्धार्थ कुमार गोलू हैं।