
अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ
उमेश पाल की हत्या के बाद एक बार फिर चर्चा में आए पूर्व सांसद अतीक अहमद करीब दो दशक तक प्रयागराज की राजनीति में बड़ा नाम रहा है। फिर 2007 में एक ऐसा आरोप उसके भाई पर लगा कि वो कभी चुनाव ना जीत सका।
अतीक अहमद 5 बार विधायक तो 1 बार सांसद रहा। उसका छोटा भाई अशरफ भी विधायक रहा। अतीक अहमद ने 1989 से 2004 तक अपने चुनाव जीते। उसका भाई 2005 में जीता। अतीक जब सांसद और अशरफ विधायक था तो इलाहाबाद के करेली में एक घटना हुई, जिसके बाद से आज तक परिवार में किसी ने कोई चुनाव नहीं जीता है। घटना थी मदरसे की बच्चियों के साथ रेप की।
मदरसे से अगवा की गई थीं नाबालिग लड़कियां
इलाहाबाद के करेली में लड़कियों के मदरसे में 17 जनवरी 2007 की रात बंदूक लेकर 3 लोग घुसे। बंदूक के दम पर सबको बंधक बनाया और लड़कियों से चेहरा दिखाने को कहा। लड़कियों का चेहरे देख 2 लड़कियों को अगवा कर साथ ले गए। गरीब घरों की ये बच्चियां मदरसे में ही रहकर पढ़ती थीं।
सुबह ये दोनों बच्चियां जख्मी हालत में मदरसे के दरवाजे पर मिलीं। बच्चियों के साथ रेप किया गया था। घटना ने मुस्लिमों के बीछ भारी गुस्सा भर दिया। पुलिस ने मामले में 5-6 लोगों को पकड़ा लेकिन कोई सबूकत नहीं दे सके। पुलिस पर इन लोगों को फंसाने का आरोप लगा।
आरोप लगा विधायक अशरफ के साथियों पर
इस कांड में अतीक के भाई अशरफ के गुर्गों के शामिल होने के आरोप लगे। मामले में पुलिस ने जिस तरह से दो दिन बाद FIR की, रेप की धाराओं को बाद में जोड़ा। उसने लोगों को ये विश्वास दिल दिया कि कार्रवाई ना होने देने के पीछे अतीक और अशरफ ही हैं।
बसपा प्रमुख मायावती ने खुलेआम कहा कि बच्चियों से रेप करने वालों में सपा से जुड़े नेता और उनके गुर्गे शामिल हैं। उनकी सरकार आई तो वे सीबीआई जांच कराएंगी। मायावती करीब 100 गाड़ियों के साथ इलाहाबाद आ गईं।
कांग्रेस और भाजपा ने भी इस मामले पर थीं। यहां तक कि भाजपा ने भी इस मामले को उठाया। भाजपा ने भी सत्ता में आने के बाद जांच की बात की। कई जगह जुलूस प्रदर्शन हुए। इस मामले में कभी अतीक या उसके भाई को आरोपी नहीं बनाया गया लेकिन आम जनमानस में उनके खिलाफ मैसेज गया। जो मुस्लिम समाज खुलकर अतीक का समर्थन कर रहा था, वो भी इससे बहुत दुखी हुआ।
फिर कभी नहीं जीते अतीक
इस घटना के बाद 2007 का विधानसभा चुनाव हुआ। इलाहाबाद पश्चिम से लड़े अशरफ बसपा की पूजा से हार गए। जिसके बाद खुद अतीक 2012 में हार गए। 2007 के बाद 2022 का विधानसभा छोड़ दिया जाए तो अतीक के परिवार ने यूपी का कोई चुनाव नहीं छोड़ा है, जिसमें वो ना उतरे हों। चुनाव-दर-चुनाव अतीक का परिवार जीतना तो दूर मुख्य मुकाबले से भी दूर होता रहा। मदरसा कांड को लेकर कहा जाता है कि इसने अतीक परिवार को मुस्लिमों के दिल से उतार दिया।
Updated on:
27 Feb 2023 05:15 pm
Published on:
27 Feb 2023 05:00 pm
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