जाते-जाते उन्होंने ये भी ऐलान किया कि आने वाली 15 और 16 फरवरी को भी वो पर्चा दरबार लगाएंगे। इस बार बिना टोकन के पर्चा दरबार लगेगा। आइए इस पूरे पर्चे दरबार को जानते हैं, आखिर ये है क्या? क्या इसी में धीरेंद्र शास्त्री का चमत्कार छिपा है?
बागेश्वर धाम में अर्जी कैसे लगती है?
बागेश्वर धाम में अर्जी लगाने के लिए पहले लोगों को धाम की तरफ से ही टोकन बांटे जाते हैं। टोकन सिर्फ एक निश्चित दिन को ही बांटे जाते हैं, जिसकी घोषणा खुद धीरेंद्र शास्त्री करते हैं। इसके लिए परिसर में एक पेटी रखी होती है, जिसमें लोग अपना नाम, पिता का नाम, अपने गांव, जिला, राज्य का नाम पिन कोड के साथ और अपना मोबाइल नंबर लिखकर डालते हैं।
इसके बाद जिस भी व्यक्ति का नंबर लगता है उस व्यक्ति को बागेश्वर धाम कमेटी कॉल करके इस बात की जानकारी देती है और उस व्यक्ति को टोकन दे देती है। इस टोकन पर एक तारीख लिखी होती है। उस तारीख को ही टोकन मिलने वाले को बागेश्वर धाम में जाकर हाजिरी लगानी होती है।
अर्जी लगाने के बाद क्या करना होता है?
बागेश्वर धाम में अर्जी लगाने के लिए टोकन में लिखी गई डेट को उपस्थित होना पड़ता है। उसके बाद भक्तों को कपड़े में नारियल को बांधकर परिसर में रखना होता है। वहां की मान्यता है कि अगर अर्जी सामान्य है तो नारियल को लाल कपड़े में बाधें। अर्जी अगर शादी से जुड़ी हुई है तो पीले कपड़े में बाधें। भूत-प्रेत से जुड़ी अर्जी है तो नारियल को काले कपड़े में बांधना होता है।
अर्जी स्वीकार हुई या नहीं ये कैसे पता लगेगा?
बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री के अनुसार अगर आपने सच्ची श्रद्धा से अर्जी लगाई है तो आपको पता चल जाएगा की स्वीकार हुई या नहीं। अर्जी अगर स्वीकार हो गई है तो सपने में लगातार 2 दिन तक बंदर दिखाई देंगे। केवल एक दिन बंदर दिखाई दिया तो इसका मतलब यह है कि अर्जी पहुंच चुकी है। वहीं अर्जी के स्वीकार होने पर ना केवल अर्जी लगाने वाले को बल्कि घर के किसी भी सदस्य को सपने में 2 दिन तक लगातार बंदर दिखाई दे सकते हैं। धीरेंद्र शास्त्री ने बताया कि अर्जी लगने के बाद पेशी करना बहुत जरूरी होता है।
पेशी कैसे करते हैं?
पेशी लगाने के लिए व्यक्ति को हर मंगलवार सुबह 6 बजे बागेश्वर धाम के महा-आरती में शामिल होना होता है। पेशी कितनी बार करनी है ये मांगे गए मन्नत या पूछे गए सवाल पर निर्भर करता है। पेशी की जानकारी अर्जी लगने वाले दिन ही पर्ची पर लिखकर दे दी जाती है। दूर शहर में रहने वाले या विदेश में रहने वाले अगर रोज नहीं आ कस्ते तो किसी भी मंगलवार को आ सकते हैं। पर उन्हें पर्ची पर लिखी हुई पेशी पूरी करनी होगी।
पेशी के बाद के नियम क्या होता है?
अर्जी लगाने वालों को कुछ नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। धीरेंद्र शाष्त्री के मुताबिक, अर्जी लगाने वाले को लहसुन, प्याज, मांस और शराब का सेवन करना बंद करना होगा।