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इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस लिस्टिंग की नई प्रकिया के खिलाफ कार्य बहिष्कार करेगा बार एसोसिएशन, जानिए वजह

अवध बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी समिति ने सोमवार को बैठक कर सदस्यों की समस्याओं और बार के सदस्यों से नई लिस्टिंग प्रणाली के संबंध में प्राप्त शिकायतों पर विचार-विमर्श किया। मीडिया से बात करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार चौधरी ने कहा कि हम लिस्टिंग की नई प्रणाली के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं और हमने केवल एक दिन के लिए न्यायिक कार्य का बहिष्कार करने का फैसला किया है ताकि हम अपना विरोध दर्ज करा सकें।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस लिस्टिंग की नई प्रकिया के खिलाफ कार्य बहिष्कार करेगा बार एसोसिएशन, जानिए वजह

इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस लिस्टिंग की नई प्रकिया के खिलाफ कार्य बहिष्कार करेगा बार एसोसिएशन, जानिए वजह

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट में नई प्रणाली से हो रहे केस लिस्टिंग को लेकर अवध बार एसोसिएशन और इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा विरोध दर्ज करके कार्य बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। अवध बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी समिति ने सोमवार को बैठक कर सदस्यों की समस्याओं और बार के सदस्यों से नई लिस्टिंग प्रणाली के संबंध में प्राप्त शिकायतों पर विचार-विमर्श किया। मीडिया से बात करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार चौधरी ने कहा कि हम लिस्टिंग की नई प्रणाली के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं और हमने केवल एक दिन के लिए न्यायिक कार्य का बहिष्कार करने का फैसला किया है ताकि हम अपना विरोध दर्ज करा सकें।

कार्यकारिणी बैठक में इन मुद्दों पर हुई चर्चा

1-इलाहाबाद हाईकोर्ट में नए मामलों में रजिस्ट्री ने अनावश्यक और अनुचित दोषों की जानकारी दी है, यहां तक कि विशेष याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं,और माननीय न्यायालय द्वारा उस पर निर्णय लेने के लिए संबंधित अदालत को याचिकाओं को अग्रेषित नहीं किया गया है।

2- नए मामलों को पारित करने और सूचीबद्ध करने में लगने वाला अत्यधिक समय,

3- दोष हटाने की प्रक्रिया, आवश्यक रूप से पूरक शपथ पत्र दाखिल करके दोष को दूर करना, जो पहले विद्वान वकील द्वारा किया गया था।

4- माननीय न्यायालयों द्वारा सूचीबद्ध करने के आदेश के बावजूद लंबित मामलों को सूचीबद्ध नहीं करना।

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बार एसोसिएशन की बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि बार के सदस्यों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, बावजूद इसके कि इन मुद्दों को अलग-अलग स्तरों पर बार-बार उठाया गया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।