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कोरोनाः अंतिम संस्कार तक में लूट खसोट, वसूले जा रहे 10 से 25 हजार रुपए तक

दुख की इस घड़ी में अंतिम संस्कार (crematorium ceremony) तक के लिए उनसे अवैध वसूली की जा रही है।  

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Cremation

Cremation

पत्रिका न्यूज नेटवर्क.

प्रयागराज. कोरोना काल (Coronavirus in up) में लगातार कई परिवार अपने सदस्य खो रहे हैं। दुख की इस घड़ी में अंतिम संस्कार (crematorium ceremony) तक के लिए उनसे अवैध वसूली की जा रही है। कई शवदाह गृहों के प्रबंधक परिजनों से दस हजार से 25 हजार रुपए तक वसूल रह रहे हैं। वाराणसी, मेरठ में ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं। कहीं लकड़ियों की मुंह मांगी कीमत मांगी जा रही है, तो कहीं वेटिंग के चक्कर में न पड़ने की कीमत लगाई जा रही है। परिजन विरोध करते हैं, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं।

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यूं हो रही वसूली-

प्रयागराज में गंगा नदी के किनारे स्थित फाफामऊ घाट का एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें अंतिम संस्कार के लिए मुंह मांगी कीमत वसूलने के बाद भी गीली लकड़ियां दी जा रही है। इससे दाह संस्कार की रस्म पूरी होने में भी काफी समय लग रहा है। वाराणसी की स्थिति भी कुछ अलग नहीं है। यहां के हरिश्चंद्र घाट पर अपने चाचा के अंतिम संस्कार के लिए आए 35 वर्षीय राजेश सिंह से मौजूद प्रबंधक ने उनसे 11,000 रुपये मांगे। राजेश सिंह ने जब अपनी आर्थिक परेशानी का हवाला दिया तो और कहा कि अंतिम संस्कार की लागत 5,000 रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। तो जवाब में प्रबंधक ने उन्हें शव को वापस ले जाने के लिए बोल दिया। एक अन्य मामले में इसी घाट पर 35 वर्षीय पीड़ित ने ने अपनी चाची के अंतिम संस्कार के लिए 21,000 रुपये दिए तो बाद में दादी के दाह संस्कार के लिए 25000 रुपये देने पड़ गए।

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पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर संक्रमित-
वहीं मुर्दाघरों में डॉक्टरों के संक्रमित होने के कारण शवों के पोस्टमार्टम की रफ्तार भी धीमी पड़ गई है। लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के पोस्टमार्टम हाउस के प्रभारी सहित अन्य स्टाफ कोरोना संक्रमित हो गए हैं। यहां दो डॉक्टर तैनात किए गए हैं, लेकिन केवल एक ही उपस्थित हैं। जिस कारण पोस्टमार्टम होने में देरी हो रही है। डॉक्टर की कमी के कारण कई लाशें ऐसे ही रखी हुई हैं। पोस्टमार्टम दस-दस घंटे लेट हो रहे हैं।