
Magh Mela 2022: संगमनगरी के इन 13 थानों में नही दर्ज होते मुकदमें, तत्काल हो जाता है निपटारा, वर्षों की परंपरा का हो रहा है निर्वहन
प्रयागराज: देश-दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माघ मेले का साल में एक बार प्रयागराज में होता है। माघ मेले की तैयरी अंतिम चरण पर है और मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया है। डेढ़ माह बसने वाले इस तम्बुओं के शहर में कई गांव बसता है जहां पर बाजार, हाट, चौपाटी, मनोरंजन के साधन और सुरक्षा के लिए पुलिस थानों का अस्थाई रूप से निर्माण होता है।
माघ मेले में बनने वाले इन थानों पर रिपोर्ट दर्ज नहीं होती है। यहां पर आने वाले मामले को चंद मिनटों में निपटारा किया जाता है। माघ मेले में वर्षों चली आ रही है इसी परंपरा का निर्वहन आज भी मेला में हो रहा है। माघ मेले में डेढ़ माह तक पुलिस अधिकारी और अलग-अलग रैंक के अफसरों की तैनाती की जाती है। मेला क्षेत्र में सिर्फ लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखना ही पुलिस वालों की जिम्मेदारी होती है।
45 दिनों तक रही है पुलिसिंग, इस तरह करते हैं काम
तंबुओं का यह शहर सिर्फ डेढ़ माह के लिए बसाया जाता है। यहां पर सामान्य थानों की तरह अफसरों व पुलिसकर्मियों की तैनाती होती है, लेकिन इन थानों में कोई मुकदमा दर्ज नहीं होता इन थानों में तैनात कर्मचारियों का काम सिर्फ ला एंड आर्डर मेंटेन करना होता है। बहुत जरूरी होने पर आसपास के थानों में रिपोर्ट दर्ज कराई जाती है। अगर मेला क्षेत्र में कोई भी बड़ी आपराधिक घटना की भी रिपोर्ट दर्ज नहीं की जाती है। आपराधिक व्यक्ति की गिरफ्तारी भी मेला क्षेत्र से नहीं दिखाई जाती है। मेला क्षेत्र में होने वाली आपराधिक मामलों की शिकायतें होती हैं उसके बाद मेला अधिकारी निर्णय लेता है कैसे क्या करना होता है।
13 थाने और 36 चौकियों का हुआ निर्माण
माघ मेला पुलिस अधीक्षक राजीव नारायण मिश्रा ने कहा कि मेला क्षेत्र में कुल 13 थाने के अंदर 36 चौकियां बनाई गई है। मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिसकर्मी, नागरिक पुलिस, महिला पुलिस, जल पुलिस, फायर कर्मी, एलआईयू कर्मी और स्पेशल टास्क फोर्स, की तैनाती की गई है। माघ मेले में श्रद्धालुओं को किसी भी तरह से असुविधा न हो इसके लिए पुलिसकर्मियों की व्यवस्था की गई है। हर थानों की अपनी-अपनी जिम्मेदारी होती है और सभी कार्य सारणी, ड्यूटी निर्धारित होती है। श्रद्धालुओं से कैसे बात करना और व्यवहार की ट्रेनिंग भी दी जाती है।
स्थाई थाने में दर्ज होते हैं मामले
माघ मेला पुलिस अधिकारी ने कहा कि माघ मेले क्षेत्र में बने थाने और चौकियों पर मामले तो आते हैं लेकिन उनपर मुकदमा पंजीकृत नहीं होता है। दूर-दराज से आए भक्तों से मिले पत्र के आधार पर दूसरे पक्ष को समझाया जाता है। बहुत बड़े अपराध होने पर संगम क्षेत्र से सटे शहर के थानों में रिपोर्ट दर्ज की जाती है। अगर ऐसा करना जरूरी हुआ तभी मेला पुलिस अधिकारी निर्णय लेते हैं।
वर्षों की परंपरा का हो रहा है निर्वहन
माघ मेले में सुरक्षा व्यवस्था बनी रहे इसके लिए पुलिसिंग की व्यवस्था की जाती है। जब से माघ मेले शुरू हुआ तब से सुरक्षा के लिए पैहरेदार लगे आ रहे हैं लेकिन अब यह बदलाव पुलिस के रूप हो गए। सुरक्षा व्यवस्था की जो परंपरा चली आ रही है आज माघ मेले में उनका निर्वहन किया जा रहा है।
Published on:
10 Jan 2022 12:50 pm
बड़ी खबरें
View Allप्रयागराज
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
