आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के मौसम वैज्ञानिक एम. दानिश के अनुसार ओडिशा तट पर बने कम दबाव क्षेत्र के प्रभाव से मानसून ट्रफ वर्तमान समय में अपनी सामान्य स्थिति से दक्षिण की ओर शिफ्ट हो गया है। इस कारण मानसून का असर कमजोर पड़ता दिख रहा है। बता दें कि पूर्वी यूपी में बुधवार को अधिकतम 2.6 डिग्री तक तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई। वहीं, सर्वाधिक तापमान प्रयागराज में 37 डिग्री दर्ज किया गया। पश्चिमी यूपी के तापमान में अधिकतम 6.4 डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई। हालांकि, पश्चिमी यूपी में 23 जुलाई से बारिश का दौर फिर से शुरू हो सकता है। मौसम विशेषज्ञ एम. दानिश के अनुसार अगले 2 दिनों में मानसून के अनुकूल परिस्थितियां तैयार होने लगेगी और फिर पूरे प्रदेश में मानसून 28 जुलाई से फिर सक्रिय होगा। इसके बाद एक बार फिर से प्रदेश में बारिश शुरू हो जाएगी।
लखनऊ विश्वविद्यालय में भूविज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. ध्रुवसेन सिंह ने बताया कि इस वक्त मानसून के ब्रेक होने की कई कारण हैं। एक तो अलनीनो ऐक्टिव है, जिससे मानसून की स्थिति कमजोर है। बादल छाए रहने के कारण पृथ्वी से विकिरण अंतरिक्ष तक नहीं जा पा रहा है, जिस कारण धरती गरम बनी हुई है। वर्तमान समय में मानसून ट्रफ गंगा के मैदान में होना चाहिए था, लेकिन वह यहां से बाहर है। ठीक इसी तरह पश्चिमी विक्षोभ यहां तक नहीं आ पा रहा है।
मौसम विशेषज्ञ के अनुसार अगले कुछ दिनों में पूर्वी यूपी में कहीं-कहीं तेज हवा चलने व गरज चमक के साथ बिजली गिरने की संभावना है। लेकिन, जिस तरह से उत्तराखंड व अन्य अधिकतर प्रदेशों में बारिश हुई है, ठीक उसी तरह जमकर बारिश नहीं होगी। इसका मुख्य कारण है कि चक्रवात का प्रभाव उत्तर पश्चिमी बंगाल की खाड़ी और ओडिशा तक सीमित है। दक्षिणी छत्तीसगढ़ व उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश में भी चक्रवाती गतिविधियों के प्रभाव से वर्षा हो रही है। लेकिन, यूपी में ऐसा कोई प्रभाव नहीं है। संभावना है कि देर से बारिश हो यानी कि सितंबर तक बारिश होते रहने के आसार हैं।