11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सिविल सेवा परीक्षा परिणाम- किसान के बेटे अनुभव सिंह को मिली 8वीं रैंक, यूपी का टॅापर बन किया नाम रोशन

आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से इंजीनियरिंग करने के बाद अनुभव का चयन भारतीय राजस्व सेवा में हुआ था, अब मिली बड़ी कामयाबी

2 min read
Google source verification
anubhav singh

आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से इंजिनियरिंग करने के बाद अनुभव के चयन भारतीय राजस्व सेवा में हुआ था, अब मिली बड़ी कामयाबी

इलाहाबाद. सिविल सेवा परीक्षा परिणाम जैसे ही घोषित हुआ इलाहाबाद के अनुभव सिंह को शानदार सफलता मिली। देशभर में 8वीं रैंक हासिल कर अनुभव ने एक बार इलाहाबाद का नाम रोशन कर दिया। अनुभव को पूरे प्रदेश में पहला स्थान हासिल हुआ है। किसान के बेटे अनुभव सिंह ने ये सफलता दूसरे प्रयास में ही हासिल कर ली।

आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से इंजीनियरिंग करने के बाद अनुभव के चयन भारतीय राजस्व सेवा में हुआ। लेकिन अनुभव का सपना और ऊंचा था। अनुभव आइएएस बनने का सपने देख रहे थे। ऐसे में उन्होने प्रयास नहीं छोड़ा और दूसरी बार में न सिर्फ उन्होने आइएएस बनने का सपना पूरा किया बल्कि देश में आठवां स्थान हासिल कर सबको चौंका दिया।

पिता किसान मां क्लर्क
जज्बे को न समय रोक पाता है न परिस्थितियां जिस सामान्य परिवार से अनुभव आते हैं वहां से खुद को इस मुकाम पर पहुंचाना किसी के भी लिए आसान नहीं हो सकता। पिता धनन्जय सिंह जो कि सामान्य किसान हैं और मां जबकि मां सुषमा सिंह एक कॉलेज में लिपिक (क्लर्क) के पद पर कार्यरत हैं। इनके निर्देशन में बेटे ने जो ऊंचाई पाई है, उससे घर-परिवार के लोगों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। अपनी प्राथमिक शिक्षा गांव के ही एक प्राइमरी स्कूल से पूरी करने वाले अनुभव ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई इलाहाबाद शहर के शिवकुटी इलाके एक स्कूल से पूरी की। 2011 में अनुभव का चयन आईआईटी रुड़की में हो गया। अनुभव ने 2011 से 2015 तक आईआईटी रुड़की में सिविल इंजिनियरिंग की पढ़ाई की।

ट्रेनिंग से छुट्टी लेकर करते थे पढ़ाई

इंजिनियरिंग की पढ़ाई पूरी होते ही उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी और पहले ही प्रयास में ही उनका सेलेक्शन भारतीय राजस्व सेवा के लिए हो गया।। अनुभव का सपना आईएएस बनने का था इसलिए उन्होंने ट्रेनिंग से छुट्टी लेकर दोबारा तैयारी शुरू कर दी। इनकी मेहनत का ही नतीजा रही कि महज 23 साल की उम्र में उन्होने इस बड़ी परीक्षा में आठवां स्थान हासिल कर लिया।