
डीजीपी व प्रमुख सचिव गृह अपने अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के उठाए कदम -हाईकोर्ट
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक व प्रमुख सचिव गृह को अधिकारियों को अपने कर्तव्य का पालन करने का प्रशिक्षण देने के कदम उठाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि जिस पुलिस पर नागरिकों के जीवन संपत्ति की रक्षा का दायित्व है वहीं पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी अपने कर्तव्य का पालन न कर मनमानी व अवैध कार्रवाई कर डर्टी जाब किया। कोर्ट ने जिलाधिकारी बलिया व एस डी एम रसड़ा से आदेश के अनुपालन का हलफनामा मांगा है और जबरन ढहाए गये मकान की नवैयत में बदलाव न करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने विवादित संपत्ति पर किसी प्रकार के निर्माण पर रोक लगा दी है। याचिका की अगली सुनवाई 5अगस्त को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने मोहम्मद सईद की द्वितीय अपील की सुनवाई करते हुए दिया है।
मालूम हो कि अपीलार्थी को मकान से बेदखल करने का सिविल वाद लंबित था।बिना किसी डिक्री या कोर्ट आदेश के एस डी एम रसड़ा,जिला बलिया ने कोतवाली पुलिस को मकान खाली कराकर ध्वस्तीकरण का आदेश दिया।जिसपर कोर्ट ने विपक्षी से दो हफ्ते में जानकारी मांगी है । पुलिस की भूमिका पर कोर्ट ने 12जुलाई 22के आदेश से अधिकारियों से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा था।ट्रेनी सी ओ/एस एच ओ कोतवाली उस्मान,दरोगा पुलिस चौकी उत्तरी रवीन्द्र कुमार पटेल व क्राइम इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह ने बताया कि एस डी एम ने डिक्री का पालन करने का निर्देश दिया था। जिसपर मकान खाली कराकर ध्वस्तीकरण कार्रवाई की गई है।
नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी ने चिन्हित किया था।जब कि एस पी बलिया की रिपोर्ट में बताया गया कि पुलिस जबरन घर में घुसी, गाली गलौज किया और अपीलार्थी के परिवार को बाहर निकाल दिया। अधिशासी अधिकारी ने बताया कि उसे दरोगा ने कोतवाली बुलाया । किंतु नहीं बनाया कि उनके कोतवाली पहुंचने से पहले ध्वस्तीकरण कार्रवाई की जा चुकी थी। पुलिस स्कवैड ने तत्परता दिखाई।अवैध कार्रवाई की। अपने दायित्व का निर्वाह नहीं किया। सिविल कोर्ट के पावर को मनमाने ढंग से मजिस्ट्रेट ने हड़प लिया। कोर्ट ने एस डी एम के आदेश को अवैध करार दिया है।जिसपर कोर्ट ने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के कदम उठाने का निर्देश दिया है।
Published on:
27 Jul 2022 09:08 pm
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