विधि छात्र के मामले में हाईकोर्ट ने की सुनवाई हाईकोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के निष्कासित विधि छात्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए छात्र को विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा बीए एलएलबी पाठ्यक्रम पूरा करने की अनुमति नहीं देंगे को सही नहीं माना। दाखिल याचिका में जानकारी दी गई है कि विधि छात्र ने सातवें सेमेस्टर की परीक्षा दी, लेकिन परिणाम घोषित नहीं किया गया। इसी बीच उसे अनुशासनहीनता के आरोप में विश्वविद्यालय द्वारा पांच साल की अवधि के लिए निष्कासित कर दिया गया।
याची के खिलाफ दर्ज है आपराधिक केस याची ने हाईकोर्ट में अनुशासित रहने और अच्छे आचरण को बनाए रखने के वायदे के साथ हलफनामा दिया। कहा नियमों का पालन करेगा और विश्वविद्यालय परिसर और बाहर शांति, सद्भाव और पूर्ण अनुशासन बनाए रखेगा। विधि छात्र ने विश्वविद्यालय के समक्ष भी ऐसा ही हलफनामा प्रस्तुत किया था लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने निष्कासन आदेश को रद्द करने से इंकार कर दिया। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से तर्क प्रस्तुत किया गया कि याची के खिलाफ दो आपराधिक केस दर्ज हैं।
सही रास्ता चुनने का मौका दिया जाना चाहिए मामले में सुनवाई करते हुए न्यायालय ने कहा कि याची अभी तक दोषी सिद्ध नहीं हुआ है। याचिकाकर्ता को अपने बीए एलएलबी पाठ्यक्रम को पूरा करने से इंकार करने से उसका करियर बर्बाद हो सकता है। निश्चित रूप से याचिकाकर्ता एक युवा छात्र है और उसे खुद को सही करने और जीवन का सही रास्ता चुनने का मौका दिया जाना चाहिए।