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विकास दुबे की बहू खुशी की जमानत याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा – जमानत देना मतलब कानून में विश्वास रखने वाले के साथ गलत होना

कानपुर बिकरू कांड (Kanpur Encounter) के मुख्य आरोपी विकास दुबे (Vikas Dubey) की बहू खुशी दुबे (Khushi Dubey) की जमानत याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad Highcourt) ने खारिज कर दिया है।

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Khushi Dubey

Khushi Dubey

पत्रिका न्यूज नेटवर्क.
कानपुर. कानपुर बिकरू कांड (Kanpur Encounter) के मुख्य आरोपी विकास दुबे (Vikas Dubey) की बहू खुशी दुबे (Khushi Dubey) की जमानत याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad Highcourt) ने खारिज कर दिया है। खुशी दुबे ने निर्दोष होने व स्वास्थ्य खराब होने का हवाला देते हुए याचिका दायर की थी, जिसे जस्टिस जेजे मुनीर की सिंगल बेंच ने खारिज कर दिया। खुशी दुबे, विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे की पत्नी है। विकास व अमर के एनकाउंटर के बाद खुशी भी एनकाउंटर मामले में साजिशकर्ता बताई गई थी। गिरफ्तारी के बाद पता चला कि वह नाबालिग है, इसलिए उसे बाराबंकी के शेल्टर होम में शिफ्ट कर दिया गया था।

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पुलिसकर्मियों की हत्या साधारण नहीं: कोर्ट
खुशी के वकील ने कोर्ट में जमानत याचिका इस वर्ष जनवरी में ही दायर कर दी थी, लेकिन कोरोना और लॉकडाउन के कारण सुनवाई टलती रही। अंत में एक जुलाई को हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी की और फैसला सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि आठ पुलिसकर्मियों की हत्या साधारण नहीं बल्कि जघन्य अपराध है। यह घटना समाज की अंतरात्मा को झकझोर कर देने वाली है। खुशी को जमानत देना, कानून में विश्वास रखने वालों को हिलाकर रख देने वाला जैसा कदम होगा।

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बीते साल 2 जुलाई को कानपुर के बिकरु गांव में गैंगस्टर विकास दुबे के घर दबिश देने पहुंची पुलिस टीम पर जानलेवा हमला हुआ था। ताबड़तोड़ गोली चलाई गईं, जिसमें सीओ समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई थी।