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जाने क्या है काशी विश्वेश्वर नाथ मंदिर मस्जिद विवाद, हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू

विश्वेश्वर नाथ मंदिर की तरफ से वकील विजय शंकर रस्तोगी ने अतिरिक्त लिखित बहस दाखिल की।और कहा कि याची ने सी पी सी के आदेश 7 नियम 11डी के तहत वाद की पोषणीयता पर आपत्ति अर्जी दाखिल की थी। किन्तु उसपर बल न देकर ज़वाबी हलफनामा दाखिल किया है। अंजुमन इंतजामिया मस्जिद वाराणसी की तरफ से दाखिल याचिका व अन्य याचिकाओं की सुनवाई न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया कर रहे हैं।

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जाने क्या है काशी विश्वेश्वर नाथ मंदिर मस्जिद विवाद, हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू

जाने क्या है काशी विश्वेश्वर नाथ मंदिर मस्जिद विवाद, हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट में काशी विश्वेश्वर नाथ मंदिर मस्जिद विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं की 29 मार्च से लगातार सुनवाई जारी रहेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंदिर परिसर के सर्वे कराने के वाराणसी अदालत के आदेश पर रोक लगा रखी है। अंजुमन इंतजामिया मस्जिद वाराणसी की तरफ से दाखिल याचिका व अन्य याचिकाओं की सुनवाई न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया कर रहे हैं।

विश्वेश्वर नाथ मंदिर की तरफ से वकील विजय शंकर रस्तोगी ने अतिरिक्त लिखित बहस दाखिल की।और कहा कि याची ने सी पी सी के आदेश 7 नियम 11डी के तहत वाद की पोषणीयता पर आपत्ति अर्जी दाखिल की थी। किन्तु उसपर बल न देकर ज़वाबी हलफनामा दाखिल किया है।

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कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनकर वाद विंदु तय किए हैं।इनका कहना है कि संपत्ति लार्ड विश्वेश्वर मंदिर की है। जो सतयुग से विद्यमान है। ग्राउंड फ्लोर पर मंदिर का कब्जा है।पूजा अर्चना जारी है।स्वयं भू लार्ड विश्वेश्वर स्वयं विराजमान हैं। जो कि15वी सदी के मंदिर का हिस्सा है।जमीन की प्रकृति धार्मिक है।15अगस्त 47 को पूजा होती थी,अभी भी जारी है। इसलिए प्लेस आफ वर्शिप एक्ट 1991इस पर लागू नहीं होगा।समय की कमी के कारण बहस पूरी नहीं हो सकी।29मार्च को भी बहस जारी रहेगी।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि आपराधिक मामले में प्रिंटेड प्रोफार्मा में सम्मन जारी न किए जाए। इस मामले में कोर्ट ने महानिबंधक को प्रदेश के सभी जिला न्यायाधीशों को सर्कुलर जारी करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि आपराधिक केस में आरोपी को सम्मन जारी करना गंभीर मामला है। प्रिंटेड प्रोफार्मा में खाली स्थान भरकर सम्मन जारी करना स्थापित न्यायिक मानदंडों के प्रतिकूल है।