
2012 में सिराथू से जीते थे पहला विधानसभा चुनाव, दूसरी बार एमएलसी बनने से उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य रचेंगे इतिहास, जाने राजनीतिक सफर
प्रयागराज: यूपी विधानसभा 2022 के चुनाव में सिराथू सीट हार जाने के बावजूद डिप्टी सीएम केसव प्रसाद मौर्य का वर्चस्व कायम है। भाजपा जीत दर्ज करने बाद दूसरी बार डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी सौंपी है। अब भाजपा ने फिर से उपमुख्यमंत्री को दोबारा विधान परिषद भेजने का फैसला लिया है। बुधवार को पार्टी की तरफ से नौ उम्मीदवारों की सूची जारी की गई। लिस्ट में डिप्टी सीएम का नाम होने पर प्रयागराज में भाजपा नेताओं में खुशी की लहर है। उपमुख्यमंत्री प्रयागराज के अकेले ऐसे नेता हो गए है जिन्हें दूसरी बार विधान परिषद सदस्य बनेंगे और वह उपमुख्यमंत्री भी हैं।
विधानसभा हराने के बावजूद बने उपमुख्यमंत्री
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में सिराथू से हारने के बाद ही कयास लगाए जा रहे थे कि केशव को विधान परिषद भेजा जाएगा या नहीं। अब इन कयासों पर विराम लग गया है। राजनीति के अखाड़े में केशव प्रसाद मौर्य की सफलता का क्रम देखें तो वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में सिराथू से पहली बार वह विधायक बने थे। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में इलाहाबाद की फूलपुर सीट से भाजपा ने टिकट दिया। उन्होंने तीन लाख से अधिक मतों से जीत दर्ज की।
इसके बाद उनकी मेहनत देखते हुए वर्ष 2016 में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें प्रदेश में भाजपा को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपते हुए प्रदेश अध्यक्ष बनाया। यूपी में लगातार मेहनत करने से वह 2017 में यूपी में कमल का फूल खिला दिया और मंत्रिमंडल में उपमुख्यमंत्री का दर्जा मिला। इसके बाद 2022 में भी केशव प्रसाद मौर्य का जलवा बरकरार रहा और दूसरी बार डिप्टी सीएम की सपथ ली। केशव प्रसाद मौर्या को विधान परिषद सदस्य के लिए प्रत्याशी बनाए जाने से प्रयागराज में भाजपा नेताओं में खुशी की लहर है।
Published on:
08 Jun 2022 07:43 pm
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