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अब खुलेगा माफिया अतीक की काली कमाई का चिट्ठा, ‘ऑपरेशन ऑक्टोपस’ खोलेगा काले राज

‘ऑपरेशन जिराफ’ जहां बेनामी संपत्तियों का पता लगाएगा, वहीं 'ऑपरेशन ऑक्टोपस' इन संपत्तियों पर कार्रवाई का चाबुक चलाया जाएगा।

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माफिया अतीक अहमद के करोड़ों की संपत्ति पर प्रयागराज पुलिस अब नए तरीके से शिकंजा कसने जा रही है। अतीक अहमद के काली कमाई का चिट्ठा खोलने के लिए प्रयागराज पुलिस ने ‘ऑपरेशन ऑक्टोपस’ शुरू किया है। यह ऑपरेशन पहले से चल रहे ‘ऑपरेशन जिराफ’ के साथ संयुक्त रूप से चलेगा। मात्र एक महीने के अंदर अतीक अहमद की काली कमाई पर शिकंजा कसने के लिए प्रयागराज पुलिस ने यह दूसरा ऑपरेशन शुरू किया है।

माफिया अतीक के बेनामी संपत्तियों पर कसेगा शिकंजा
दरअसल, माफिया अतीक के खात्मे के बाद ऐसे कई तार सामने आए हैं, जिसमें काली कमाई से जुटाए करोड़ों रुपए की हेराफेरी है। ऐसे में अतीक के गुर्गों और उसके खास लोगों से जुड़ी काली संपत्ति का पता लगाने के लिए पुलिस ने ‘ऑपरेशन ऑक्टोपस’ शुरू किया है। एक न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, टास्क फाॅर्स की योजना के तहत लगभग 20 सेल बनाए जाएंगे, जिनमें से 8 सेल ‘ऑपरेशन ऑक्टोपस’ के मुताबिक काम करेंगे। हर सेल में 2 सदस्य होंगे।

एक सेल मैन्युअल इंटेलिजेंस के जरिए नेटवर्क से अवैध संपत्ति का पता लगाया जाएगा, वहीं दूसरी सेल तकनीकी इंटेलिजेंस के जरिए अवैध संपत्तियों का पता लगाएगी। सिर्फ इतना ही नहीं, इस ऑपरेशन के जरिए माफिया अतीक के करीबियों के सोशल मीडिया अकाउंट से जानकारी जुताई जाएगी और कुछ सॉफ्टवेयर की भी मदद ली जाएगी।

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इन कामों में बाटे गए हैं ऑपरेशन ऑक्टोपस के 8 सेल
एक सेल है जिसे इनकम टैक्स की जानकारी जुटाने की जिम्मेदारी दी गई है। इसी तरह तीसरी शाखा को रजिस्ट्री मामलों की जानकारी जुटाने का काम सौंपा गया है, जबकि चौथी शाखा को नगर निगम से जुड़े दस्तावेज जुटाने का काम सौंपा गया है। पांचवीं शाखा को आवास विकास से संबंधित दस्तावेज जुटाने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है और छठी शाखा को राजस्व से संबंधित दस्तावेज जुटाने की जिम्मेदारी दी गयी है। सातवीं शाखा को बेनामी संपत्ति के मालिकों की पहचान करने और यह तय करने का महत्वपूर्ण काम दिया गया है कि वे किन सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। इसी तरह, आठवीं शाखा उन संपत्तियों की जांच के लिए पैन डंप तकनीक का उपयोग कर रही है जिनमें संबंधित व्यक्ति के पैन कार्ड का उपयोग किया गया है।

आपको बता दें कि एक महीने पहले चलाए गए ‘ऑपरेशन जिराफ’ का यह अगला कदम बताया जा रहा है। एक तरफ ‘ऑपरेशन जिराफ’ बेनामी संपत्तियों का पता लगाएगा, वहीं 'ऑपरेशन ऑक्टोपस' के जरिए इन संपत्तियों पर कार्रवाई का चाबुक चलाया जाएगा।