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नंद गोपाल नंदी: कभी VCR पर 120 रुपए में 3 फिल्में दिखाते थे योगी के ये मंत्री, हो चुका है बम हमला

नंदगोपाल नंदी चादर में वीसीआर और कैसेट बांधकर ले जाते थे। वीसीआर चलता था और रातभर लोग फिल्म देखते थे।

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योगी सरकार के मंत्री नंदगोपाल नंदी को एक साल की सजा सुनाई गई है। औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई निवेश प्रोत्साहन मंत्री नंदी को साल 2014 के मुकदमे में सजा सुनाई गई है। नंदी उत्तर प्रदेश के उन नेताओं में हैं, जो लगातार चर्चा में रहते हैं। नंदी की राजनीति में आने, विधायक और मंत्री बनने से लेकर शादी करने तक की कहानी बड़ी दिलचस्प है।


बचपन में वीसीआर पर लोगों को दिखा चुके फिल्म
नंद गोपाल गुप्ता नंदी इस समय प्रयागराज की दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक हैं। उनकी पत्नी अभिलाषा गुप्ता इलाहाबाद नगर निगम की मेयर हैं। यानी उनका इलाहाबाद में एक राजनीतिक दबदबा है लेकिन एक वक्त वो वीसीआर पर लोगों को फिल्में भी दिखा चुके हैं।

टीवी देखते हुए पड़ोसी ने मार दिया था थप्पड़
नंदी के पिता डाक विभाग में काम करते थे। घर की माली हालत बहुत अच्छी नहीं थी। नंदी ने एक इटरव्यू में बताया था, "मैं दिनभर पड़ोस के एक बड़े घर के काम करता था। वो जो कहते थे, करता रहता था। मकसद बस इतना कि वो अपने घर टीवी देखने दे। तब 'ये जो है जिंदगी" सीरियल आता था। एक दिन नीचे बैठकर टीवी देख रहा था। सीरियल के एक सीन पर हंस दिया तो मकान मालिक ने मुझे थप्पडड मारा और भगा दिया। 14-15 साल की उम्र रही होगी। बहुत रोया लेकिन दिल में ठान लिया कि अब टीवी लेना है।"

नंदी आगे बताते हैं, ''पिताजी से जिद की और एक टीवी लेकर आया, साथ में वीसीआर लाया और कमाई का सिलसिला शुरू किया। 120 रुपए में हम तीन फिल्में दिखाते थे। जो बुलाता उसी के यहां मैं टीवी, वीसीआर और तीन फिल्मों की कैसेट मैं चादर में बांधकर ले जाता। फिल्म चला देता और चादर ओढ़कर सो जाता। तीन फिल्में खत्म होने में सुबह हो जाती। सुबह 120 रुपए लिए और वापस समान बांधकर घर।

नंदी ने यहां से शुरुआत की और फिर फिल्म कैसेट के साथ, पटाखा, रंग-गुलाल से लेकर मिठाई तक कई काम शुरू कर दिए। इसके बाद वो ट्रांसपोर्ट से लेकर, ईट भट्टे तक के काम में घुसे और प्रयागराज के सबसे बड़े व्यापारियों में शामिल हो गए।

2007 में शुरू हुआ सियासी सफर
साल 2007 में बसपा के टिकट पर नंदी ने विधानसभा चुनाव जीता। मायावती ने उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया। 2012 में हार के बाद 2017 में भाजपा में आए और जीते। जिसके बाद वो फिर से मंत्री बने। 2022 में एक बार फिर उनको मंत्री बनाया गया।

2010 में हुआ था जानलेवा हमला
नंदगोपाल नंदी के जीवन में 12 जुलाई 2010 बहुत भयावह दिन था। इस दिन उन पर बम हमला हुआ। चार महीने नन्दी हॉस्पिटल में भर्ती रहे। वो इतने ज्यादा घायल थे कि करीब दो हफ्ते तो उनकी आंतें भी पेट के बाहर रखी रही थीं। हर साल वो 12 जुलाई को नंदी अपना 'पुनर्प्राप्त जन्मदिवस' मनाते हैं।


प्रेम कहानी भी दिलचस्प

अभिलाषा गुप्ता से नंद गोपाल नंदी का प्रेम और शादी भी काफी दिलचस्प है। नंद गोपाल नंदी और अभिलाषा मिश्रा पड़ोसी हैं। दोनों की नजदीकी तब बढ़ी जब नंदी बिजनेस कर रहे थे और अभिलाषा ग्रैजुएशन कर रही थीं। दोनों ने ये घरवालों को बताया तो अभिलाषा के परिवार ने साफ इनकार कर दिया। साल 1995 में नंदी एक दिन स्कूटर लेकर पहुंचे और अभिलाषा को लेकर कोर्ट पहुंच गए। दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली।