12 जुलाई 2010 को नंद गोपाल गुप्ता नंदी मायावती की सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर थे। अपने परिवार के साथ उस समय भी नंद गोपाल गुप्ता नंदी शहर के पुराने इलाके नहीं रहते थे ,हर दिन की तरह उस दिन भी नंदी अपने घर से शिव मंदिर जाने के लिए निकले उस समय उनके साथ उनके गार्ड और स्थानीय पत्रकार भी मौजूद थे । पहले से स्कूटी में फिट किया गया रिमोट बम मंदिर के पास फटा जिसमें नंद गोपाल गुप्ता नंदी बुरी तरह से जख्मी हो गए पूरे शहर में आगजनी और बवाल मच गया । खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने डॉक्टरों की टीम भेजकर नंद नंदी को लखनऊ बुलवाया । खुद एयरपोर्ट पर आकर उनका हाल जाना और उन्हें इलाज के लिए भर्ती कराया।
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समर्थक मनाते है पुनर्जन्म दिन
समय बदला नंद गोपाल गुप्ता ने अलग -अलग राजनीतिक दलों का सफर तय करते हुए भाजपा का दामन थामा और फिर नंदी उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री बने ।12 जुलाई 2010 की इस घटना के बाद नंद गोपाल गुप्ता नंदी लगभग 1 वर्ष के इलाज के बाद जनता के बीच आएं है तब से उनके समर्थक 12 जुलाई को पुनरजन्म महोत्सव मनाते हैं आज फिर शिव मंदिर में पूजा पाठ के साथ भंडारे का आयोजन किया गया।नंदी बम काण्ड में जिस नेता का नाम आया वह यूपी का बाहुबली और सपा का विधायक था उसके नाम का टेरर था की कोई सामने नाम लेने की हिम्मत नही करता था ।
दिग्गजों को हरा कर स्थापित हुए
इलाज के बाद नंदी शहर में आएं समर्थकों और चाहने वालों ने उन्हें हाथों हाथ ले लिया । 2007 के विधानसभा में पहली बार नंदी ने चुनाव लड़ा और इस चुनाव में भाजपा के दिग्गज नेता केशरी नाथ त्रिपाठी और कांग्रेस से डॉ रीता बहुगुणा जोशी को हराया था। शियासत में दलबदल कर किश्मत आजमाई कांग्रेस से लोकसभा चुनाव लड़ा हालाकि जीत नही मिली लेकिन पत्नी अभिलाषा गुप्ता नंदी को निर्दलीय मेयर बनवा लिया ,वही भाजपा का दामन थामा फिर शहर पश्चिमी से विधायक हुए और योगी की कैबिनेट में मंत्री बने ।
सूबे की सरकार ने झोंक दी थी ताकत
नंदी बम काण्ड में शातिर अपराधी पायलट को नामजद किया गया, यूपी सरकार ने ढाई लाख का इनाम घोषित किया।पायलट का नाम समाने आने पर हर कोई पायलट को देखना चाह रहा था यूपी सरकार ने अपनी पूरी ताकत लगा दी थी।पायलट विदेश भागनें की कोशिश में था, 6 अक्टूबर 2010 को एसटीएफ टीम ने मुंबई एयरपोर्ट से राजेश पायलट को गिरफ्तार किया था । 7 अक्टूबर 2010 को उसे नैनी जेल भेजा गया था तब से वह लगातार नैनी जेल में बंद था ।उसके बयान के बाद ही इस हमले में बाहुबली विधायक विजय मिश्रा और पूर्व ब्लाक प्रमुख दिलीप मिश्रा का नाम सामने आया था । विजय मिश्र और दिलीप मिश्रा को भी गिरफ्तार किया गया कुछ दिनों बाद दिलीप मिश्रा राजेश पायलट के बीच किसी बात को लेकर अनबन हो गई उसने विजय मिश्रा पर पायलट पर हमला कराने का आरोप लगाया था । इसी के बाद 16 फरवरी 2018 को राजेश पायलट को बुलंदशहर जेल भेज दिया गया वहीं 2 सितंबर को उसे ब्रेन हेमरेज दिल्ली सफदरगंज अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
पायलट एक शातिर अपराधी था
राजेश पायलट एक शातिर अपराधी था। राजेश पायलट का अपराध की दुनिया में बड़ा तिलिस्म था। जिसे पुलिस एसटीएफ क्राइम ब्रांच कोई भी तोड़ने में कामयाब नहीं हो सका पुलिसवाला उसके नाम से ज्यादा उसके बारे में कुछ नहीं जानता था वह कौन था कैसा दिखता था उसके पीछे कौन है इस बारे में पता लगाने के लिए एसटीएफ ने एक साल तक मेहनत की मंत्री नंदी पर हमले के बाद पुलिस उसके घर पहुंची और फोटो पाई ढाई लाख का इनामी बनने के बाद मुंबई से गिरफ्तार हुआ ।