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टीचर बेटी की मौत पर पिता को ग्रेच्युटी के भुगतान का आदेश

सेवाकाल के दौरान हुई थी मृत्यु

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Order for payment of gratuity to father death of teacher daughter

टीचर बेटी की मौत पर पिता को ग्रेच्युटी के भुगतान का आदेश

प्रयागराज | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सेवाकाल में सहायक अध्यापकों की मृत्यु के मामले में उसके पिता को उसकी ग्रेच्युटी के भुगतान का आदेश दिया है । कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग की इस दलील को नामंजूर कर दिया कि मृतक कर्मचारी ने अपनी सेवा के दौरान 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति का विकल्प नहीं भरा था । कोर्ट ने कहा यह बिंदु हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में ही तय किया जा चुका है । कर्मचारी को उसकी ग्रेच्युटी का भुगतान ब्याज सहित करने का निर्देश दिया है। उषा रानी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने दिया है।
याची का कहना था कि उसकी पुत्री परिषदीय प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापिका थी तथा अविवाहित थी । बाद में उसकी प्रोन्नति उच्च प्राथमिक विद्यालय में हो गई । सेवाकाल के दौरान ही उसकी पुत्री की मृत्यु हो गई ।उसके पक्ष में उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी किया था । मगर बेसिक शिक्षा विभाग में उसकी दिवंगत पुत्री की ग्रेच्युटी का भुगतान करने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि कर्मचारी ने अपनी सेवा पंजिका में 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त का विकल्प नहीं भरा था। कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार नहीं किया ।

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याची के अधिवक्ता कमल कुमार केसरवानी का कहना था कि सेवा पंजिका में सेवानिवृत्ति का विकल्प भरना अनिवार्य नहीं है ।इस बिंदु पर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने रेनू व अन्य के मामले में निर्णय दे दिया है । कोर्ट ने अधिवक्ता की दलील स्वीकार करते हुए याची को ब्याज सहित ग्रेच्युटी के भुगतान का निर्देश दिया।