जिले के गंगा पार इलाके में कादीपुर गांव में बनाए गए गोवंश आश्रय स्थल पर 344 गए रखी गई है । जिनमें से 35 गायों की मौत हो गई दरअसल स्थानीय लोगों की मानें तो 3 दिन से लगातार हो रही बारिश के चलते गौशाला में पानी भर गया था । और उसे देखने वाला कोई नही था । जिससे वह तालाब में तब्दील हो गया और उसी तालाब के दलदल में फंसकर 35 पशुओं की मौत हो गई। हालांकि इस पूरे मामले पर पशु चिकित्सा अधिकारी लीपापोती करते रहे और उन्होंने इसे प्राकृतिक आपदा बताते हुए कहा कि भारी बारिश में बिजली गिरने की वजह से गायों की मौत हो गई।
गोवंश की रक्षा के लिए करोड़ों रुपए का बजट मुख्यमंत्री ने जारी किया गया है जिसके बाद प्रदेश के अलग.अलग हिस्सों में पशुओं के संरक्षण के लिए अस्थाई गौशाला बनाने का काम चल रहा है । इसी क्रम में जिले के कादी गांव में भी अस्थाई गौशाला का निर्माण किया गया था । जिसमें क्षमता से अधिक गायों को रखा गया और उनकी देखरेख ना करने की वजह से उन्हें अपनी जिंदगी गवानी पड़ी।
स्थानीय ग्रामीण की मानें तो करीब 2 बीघा जमीन के क्षेत्रफल में मिट्टी का घेरा बनाकर गौशाला निर्धारित की गई थी । लगातार हो रही बारिश के चलते यह पूरी गौशाला तालाब में तब्दील हो गई और उसी के दलदल में फंस कर तीन दर्जन से अधिक पशुओं की मौत हो गई ।वहीं भारी संख्या में गायों की मौत की खबर सुनते ही जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया । खंड विकास अधिकारी पशु चिकित्सा अधिकारी सहित डीएम भानु चंद्र गोस्वामी सी डी ओ अरविंद सिंह मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया । जिलाधिकारी ने प्रधान और वीडियो से पशुओं के बारे में जानकारी ली ।
चिकित्सा अधिकारी डॉ चंदन सिंह शर्मा ने सफाई देते हुए कहा कि चार बजे भोर में बिजली गिरने से 22 पशुओं की मौके पर मौत हो गई । अन्य तेरह गंभीर रूप से झुलस गए हालांकि इस बात को कोई मानने को तैयार नहीं था क्योंकि गौशाला के आसपास कहीं भी बिजली गिरने की स्थान की पहचान नहीं की जा सकी और न ही झुलसे हुए जानवर दिखे जिलाधिकारी ने इस पूरे मामले में जांच के आदेश दे दिए है ।