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मौलाना जौहर अली ट्रस्ट के रजिस्ट्रार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, जाने क्यों अपराधिक केसों की सुनवाई पर लगी रोक

मौलाना जौहर अली ट्रस्ट के रजिस्ट्रार अदीब आजम व निफत अफलाख के खिलाफ रामपुर की विशेष अदालत में चल रहे आपराधिक मामलों की सुनवाई पर रोक जारी रखते हुए बड़ी राहत दी है। मामले में राज्य सरकार की तरफ से याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया है। कोर्ट ने याची को इसका तीन हफ्ते में जवाब दाखिल करने का समय दिया है।

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मौलाना जौहर अली ट्रस्ट के रजिस्ट्रार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, अपराधिक केसों की सुनवाई पर लगी रोक

मौलाना जौहर अली ट्रस्ट के रजिस्ट्रार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, अपराधिक केसों की सुनवाई पर लगी रोक

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मौलाना जौहर अली ट्रस्ट के रजिस्ट्रार अदीब आजम व निफत अफलाख के खिलाफ रामपुर की विशेष अदालत में चल रहे आपराधिक मामलों की सुनवाई पर रोक जारी रखते हुए बड़ी राहत दी है। मामले में राज्य सरकार की तरफ से याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया है। कोर्ट ने याची को इसका तीन हफ्ते में जवाब दाखिल करने का समय दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होगी।

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यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने अदीब आजम की याचिका पर दिया है। जिसमें कानून का उल्लघंन कर जबरन बैनामा कराने के आरोप में चल रहे 27आपराधिक केसों व चार्जशीट की वैधता को चुनौती दी गई है। याची का कहना है कि अजीमनगर थाने में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां के खिलाफ पुलिस क्षेत्राधिकारी द्वारा एफआईआरदर्ज कराई गई है। इन बैनामो से याची का कोई सरोकार नहीं है। ट्रस्ट का रजिस्ट्रार होने के कारण उसे फंसाया गया है।

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कोर्ट ने पुलिस चार्जशीट पर बिना विवेक का इस्तेमाल किए संज्ञान लिया है। मुख्य आरोप आजम खां व आले हसन पर लगाया गया है।याची का नाम एफ आई आर में नहीं है। उसने न कोई बैनामा कराया और न ही किसी को धमकी दी है। सरकार का कहना है कि ट्रस्ट के नाम जमीन का बैनामा कराया गया है और याची रजिस्ट्रार है।इसकी पूरी भूमिका है।