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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ केस वापसी मामले में फैसला किया सुरक्षित, तीन दिनों तक चली बाहस

तमाम उतार चढ़ाव के बाद राज्य सरकार ने स्वामी के खिलाफ केस वापस लेने का फैसला लिया है। लेकिन इस मामले में शाहजहांपुर की अदालत ने सरकार की अर्जी खारिज कर दी थी। जिसके बाद से स्वामी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है।अब पीड़िता शिष्या ने भी स्वामी के पक्ष में हलफनामा दाखिल किया है।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ केस वापसी मामले में फैसला किया सुरक्षित, तीन दिनों तक चली बाहस

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ केस वापसी मामले में फैसला किया सुरक्षित, तीन दिनों तक चली बाहस

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती के खिलाफ उन्हीं की शिष्या द्वारा लगाए गए दुष्कर्म के आरोप केस की वापसी मामले में फैसला सुरक्षित कर लिया है। स्वामी चिन्मयानंद की याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने की। वर्ष 2011 में कथित शिष्या ने स्वामी पर बलात्कार का आरोप लगाया था।

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तमाम उतार चढ़ाव के बाद राज्य सरकार ने स्वामी के खिलाफ केस वापस लेने का फैसला लिया है। लेकिन इस मामले में शाहजहांपुर की अदालत ने सरकार की अर्जी खारिज कर दी थी। जिसके बाद से स्वामी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है।अब पीड़िता शिष्या ने भी स्वामी के पक्ष में हलफनामा दाखिल किया है।

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तीन दिनों तक चली बाहस

इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्वामी चिन्मयानंद मामले में लगातार कोर्ट में तीन दिन से बहस चल रही थी। एक पक्ष से बाहस पूरी होने के बाद याची की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता दिलीप कुमार ने बहस की। बाहस पूरी होने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है।

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कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रांत संगठन मंत्री मुकेश कुमार ने कहा की विश्व हिंदू परिषद की स्थापना देश काल की परिस्थितियों के अनुसार हुई थी और अब स्थापना के 58 वर्ष पूर्ण होने वाले हैं। स्थापना से अब तक हिंदू धर्म संस्कृति व मान बिंदुओं की रक्षा के लिए अनेक संघर्ष हुए हैं।