
यूपी के इस जिले में तैनात दो सीओ की होगी जांच, जानिए बड़ी वजह
प्रयागराज: फर्जीवाड़ा से जांच रिपोर्ट तैयार करना दो सीओ के ऊपर भारी पड़ गया है। फर्जी तरीके से जेल भेजे जाने के केस के बाद हंडिया में एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। सड़क हादसे के मामले में विवेचना रिपोर्ट को गैर इरादतन हत्या का रूप दे दिया। आरोपी को जेल भी भेज दिया गया। आरोपी बनाए गए पक्ष ने अब अधिकारियों से शिकायत की तो मामले का खुलासा हुआ। इस मामले में तत्कालीन व वर्तमान सीओ हंडिया के खिलाफ जांच कराने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही सीओ कार्यालय में तैनात दीवान को निलंबित कर दिया गया है।
यह है पूरा मामला
20 दिसंबर 2020 का है। पूरेडीह निवासी श्रीराम की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। लेकिन हादसे के 10 दिन बाद उसकी पत्नी अनीता ने थाने में तहरीर देकर गांव के ही अतुल पांडेय पर केस दर्ज कराया और यह आरोप लगाया कि उसका पति मजदूरी करने अतुल के घर गया था। जहां सामान लाने के बहाने उसे जबरन गाड़ी पर ले जाकर रास्ते में उसे अधमरा कर छोड़ दिया गया। इसके साथ ही अस्पताल ले जाने पर पता चला कि उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई है। बाद में फरवरी 2021 में उसकी मौत हो गई। मुकदमे में एससी एसटी एक्ट की धारा भी लगी थी, ऐसे में विवेचना तत्कालीन सीओ हंडिया को मिली। इसके बाद विवेचना के दौरान मामले में गैर इरादतन हत्या की धारा बढ़ाई गई। फिर जांच रिपोर्ट संबित कर दिया गया।
आरोपी पक्ष ने मामले में उच्च अधिकारियों से गुहार लगाई तो अधिकारियों ने जांच किया तो पता चला कि सड़क हादसे में हुई मौत को गैर इरादतन हत्या में फसाया गया है। इसके अलावा बिना मौके का मुयायना किये बिना गौर इरादतन हत्या की धारा बढ़ा दी गई। इसी मामले में सीओ कार्यालय में तैनात दीवान संजय की भी संलिप्तता से संबंधित शिकायतें अफसरों के पास पहुंचीं। जिसके बाद उसे निलंबित कर दिया गया। साथ ही तत्कालीन व वर्तमान सीओ हंडिया भीम कुमार गौतम की जांच शुरू कराने का निर्णय लिया गया है।
एसएसपी प्रयागराज अजय कुमार ने कहा कि इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन व वर्तमान सीओ हंडिया के खिलाफ जांच के लिए एसपी गंगापार से रिपोर्ट मांगी गई है। मामले में जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।
Published on:
08 Apr 2022 12:35 pm
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