प्रयागराज

GROUND REPORT: सांड बना काल और मुआवजा घोषणा बनकर रह गई

UP News: सांड ने एक बुजुर्ग को रौंदा। परिवार मुआवजे के लिए भटकता रहा। पढ़िए पूरी ग्राउंड रिपोर्ट...

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बुजुर्ग के परिवार के लोग जो मुआवजे के लिए भटक रहे हैं।

विधानसभा सत्र के दौरान अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार पर तंज कस्ते हुए कहा "लायन सफारी नहीं संभाल पा रहे, एनिमल सफारी नहीं संभाल पा रहे कम से कम सांड सफारी बनाके सांड को तो संभालो…।" जिसका जवाब देता हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा 'हम लोगों ने सांड के हमले को आपदा की श्रेणी में शामिल किया है। ऐसा करने वाला यूपी पहला प्रदेश है। हम किसानों को सुरक्षा भी देंगे, लेकिन साथ-साथ वन्य जीवों को भी सुरक्षित जगहों पर ले जाएंगे।"

दरअसल अक्टूबर, 2022 को यूपी सरकार ने सांड के बढ़ते हमलों को देखते हुए इसे राज्य आपदा घोषित कर दिया था। जिसके तहत पीड़ितों को मुआवजा देने का प्रावधान है। इसी दावे की पड़ताल जाने के लिए पत्रिका की टीम प्रयागराज में उस परिवार से मिली। जिसने एक साल पहले सांड के हमले के बाद अपने परिवार के सदस्य को खोया था।

1 साल पहले कीडगंज थाना क्षेत्र के चौखंडी इलाके में सुबह साइकल से जा रहे एक बुजुर्ग भृगुनाथ वर्मा पर सड़क किनारे खड़े सांड ने हमला कर दिया था। हमले के बाद बुजुर्ग सड़क पर गिर गए। इसके बाद सांड उनको रौंदता हुआ चला गया। घटना में वृद्ध की मौके पर ही मौत हो गई। पूरा घटनाक्रम एक घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया था।

पत्रिका की टीम जब भृगुनाथ के घर पहुंची, तो मृतक भृगुनाथ के बेटे विनोद बैठे हुए थे। विनोद पैरालाइज्ड हैं। वो चल नहीं सकते। विनोद के दो बेटी थी लेकिन कुछ दिन पहले किसी बीमारी की वजह से एक बेटी की मौत हो गई। क्योंकि विनोद के पास इलाज के पैसे नहीं थे। विनोद के एक लड़का भी है।

ससुर ही घर में कमाने वाले थे

इसके अलावा घर में मृतक भृगुनाथ की बहू पूजा भी मौजूद थी। पूजा ने बताया की घर में वो और उनके ससुर ही कमाने वाले थे। पूजा अपने ससुर को फूल की पुड़िया बनाकर देती थीं और वो उसको दुकान-दुकान देकर आते थे। साथ में वो साइकिल बनाने का काम भी करते थे। अब उनके गुजर जाने के बाद से परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इसी वजह से एक बेटी की जान चली गई क्योंकि इलाज के लिए पैसे नहीं थे। पूजा का कहना है उनके पति पैरालाइज्ड होने के नाते चल नहीं सकते। इसलिए कुछ काम नहीं करते हैं।

पोस्टमॉर्टम के बाद भी मुआवजा नहीं मिला

पूजा का कहना है की भृगुनाथ के मौत के बाद सूचना पर पुलिस आई, सारी लिखा-पढ़ी हुई। पोस्टमॉर्टम भी करवाया, लेकिन मुआवजा आज तक नहीं मिला। अब पूजा साल भर से थाने, तहसील और नगर आयुक्त के दफ्तर के चक्कर लगा रही है। लेकिन अधिकारीयों का कहना है की उनके पास ऐसे मुआवजे का प्रावधान ही नहीं है। अधिकारियों ने पूजा से ये भी कहा कि उसे कोई पैसा नहीं मिलेगा। फिर भी पूजा आस लगाए बैठी हैं की अभी भी कहीं से मदद मिल जाए तो कुछ काम शुरू कर लें। फिलहाल अभी तो वो फूल बेचकर घर चला रही हैं।

Published on:
17 Aug 2023 08:39 pm
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