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SDM के पैरों पर गिरकर संत बोला- ‘हमें जमीन दे दीजिए…नहीं तो जेल भेज दीजिए’

Magh Mela Land Allotment Issue : आगामी 3 जनवरी 2026 से शुरू हो रहे माघ मेले की तैयारियों के बीच साधु-संतों ने जमकर हंगामा कर दिया। साधु-संतों का आरोप है कि उन्हें ठहरने के लिए जमीन आवंटित नहीं की गई।

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माघ मेले से पहले धरने पर बैठे संत, PC- X

प्रयागराज : आगामी 3 जनवरी 2026 से शुरू हो रहे माघ मेले की तैयारियों के बीच साधु-संतों ने जमकर हंगामा कर दिया। आरोप है कि मेले में ठहरने के लिए उन्हें न तो भूमि आवंटित की गई है और न ही सुविधा पर्ची जारी की गई। इस मुद्दे को लेकर 100 से अधिक साधु-संत शुक्रवार रात से ही मेला प्राधिकरण कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे हैं।

शनिवार सुबह करीब साढ़े 11 बजे एसडीएम संजीव उपाध्याय मौके पर पहुंचे। उन्होंने संतों से धरना हटाने की अपील की, लेकिन इससे बात बिगड़ गई। संतों और एसडीएम के बीच तीखी कहासुनी हुई। इस दौरान एक संत एसडीएम के पैरों पर गिर पड़े और भावुक अंदाज में बोले, 'हमें जमीन दे दीजिए, नहीं तो जेल भेज दीजिए।' किसी तरह एसडीएम कार्यालय के अंदर पहुंचे, लेकिन उनके जाते ही संतों ने बाहर नारेबाजी शुरू कर दी और हंगामा कर दिया।

दूसरा गुट पहुंचा, धरने वालों को धक्का देकर भगाया

थोड़ी देर बाद संतों का एक दूसरा गुट करीब 25-30 लोगों के साथ मौके पर पहुंचा। उन्होंने धरने पर बैठे संतों को धक्का-मुक्की कर भगा दिया। इसके बाद स्थिति को काबू में करने के लिए मेला प्राधिकरण कार्यालय के बाहर 200 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया। फिलहाल हालात सामान्य हैं, लेकिन इलाके में तनाव बना हुआ है।

धरना दे रहे संतों ने स्पष्ट कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वे यहां से नहीं हटेंगे। उन्होंने चुनौती दी कि या तो वे अपने मठ-आश्रम लौट जाएंगे या प्रशासन उन्हें जेल भेज दे।

पुलिस ने लगाई प्रवेश पर रोक

संतों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए मेला प्राधिकरण कार्यालय के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। एहतियात के तौर पर किसी भी व्यक्ति को कार्यालय परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जा रही। पूरे क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

पूर्व अधिकारी ने खोला आवंटन का राज

पूर्व डिप्टी कमिश्नर डॉ. श्याम धर तिवारी ने बताया, 'मैंने वीआरएस ले लिया है। मेला क्षेत्र में 'सत्यमेव जयते' का शिविर लगाने के लिए हमने आवेदन किया था कि हमें भूमि और सुविधाएं दी जाएं। कल रात से अयोध्या, वाराणसी और वृंदावन से 50 लोग यहां आए हैं। आवंटन के समय अधिकारियों ने कहा था कि 50 नई संस्थाओं को जमीन दी जाएगी, लेकिन पहले ही 46 को आवंटन कर दिया गया।'

वृंदावन से आए गोपालानंद गिरी महाराज ने नाराजगी जताते हुए कहा, 'हम शांतिपूर्वक धरने पर बैठे थे। अधिकारियों ने कहा- ये बाबा हैं। इससे हमारी और पूरे संत समाज की बेइज्जती हुई है। उन्हें माफी मांगनी चाहिए।'