
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
प्रयागराज. यूपी की पुलिस गजब है। पुलिस ने उच्च न्यायालय को गलत जानकारी दी। और बताया कि अमुक व्यक्ति पर गैंगस्टर का केस दर्ज है। जब कोर्ट के आदेश पर मामले की छानबीन की गयी तब पता चला जिस थाने में गैंगस्टर का मामला दर्ज होना बताया गया है उस नाम का जिले में कोई थाना ही नहीं है। बिजनौर पुलिस के इस कारनामे से नाराज इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पुलिस अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पुलिस अफसर के दावे की वजह से उस शख्स को तीन महीने तक बेल नहीं मिल पाई।
31 मार्च की शाम मुनव्वर को उत्तराखंड के रुड़की से बिजनौर पुलिस ने गिरफ्तार किया। उस वक्त आरोपी मुनव्वर अपने सात महीने के बेटे के साथ था। 30 साल के कार मैकेनिक मुनव्वर पर वाहन चोरी के अंतरराज्यीय गिरोह का सदस्य होने का मामला दर्ज किया गया। अप्रेल में बिजनौर कोर्ट में जमानत पर सुनवाई के दौरान पुलिस ने बताया, मुनव्वर एक दुर्दांत अपराधी है। इस आधार पर उसे जमानत नहीं मिली। बाद में मुनव्वर इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचा।
पुलिस अफसर ने दी गलत जानकारी
25 जून को एडिशनल गवर्नमेंट एडवोकेट (एडीजे) ने बिजनौर के पुलिस अधिकारी से मिली जानकारी के आधार पर कोर्ट को बताया कि आरोपी के खिलाफ 2015 में गैंगस्टर एक्ट का केस दर्ज था। यह मामला अमरोहा के अकबराबाद पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ था। जब कोर्ट के निर्देशों पर छानबीन हुई तो पता चला कि इस नाम का कोई थाना जिले में है ही नहीं। हाई कोर्ट ने बिजनौर पुलिस के अफसर को इस मामले में नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है।
Updated on:
05 Jul 2021 03:44 pm
Published on:
05 Jul 2021 03:11 pm
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