एक तरफ जब पूरे देश में खुशियां दौड़ रही थी उस वक्त लोग गूगल पर उनकी जाति सर्च की जा रही थी। कुछ लोग गूगल पर लिख रहे थे, कौन जात हो? वहीं कुछ लोग फेसबुक पर लिख रहे हैं, कायस्थ समाज के लिए गौरव का पल है, क्योंकि UPSC परीक्षा में कायस्थ की बेटी इशिता किशोर ने ऑल इंडिया रैंक 1 लाया है।
अनारक्षित कोटे से मतलब बिना आरक्षण का है
वहीं एक ओर किसी ने फेसबुक पर लिखा कि ब्राह्मण समाज की बेटी इशिता किशोर शर्मा ने भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में परचम लहराया है, दिल्ली श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से इकॉनमिक्स में ग्रेजुएट इशिता किशोर ने देश में प्रथम स्थान हासिल किया है। इशिता किशोर को उज्जवल भविष्य असीम शुभकामनाएं। नोट: अनारक्षित कोटे से मतलब बिना आरक्षण (खैरात) का है।
वहीं एक ओर किसी ने फेसबुक पर लिखा कि ब्राह्मण समाज की बेटी इशिता किशोर शर्मा ने भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में परचम लहराया है, दिल्ली श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से इकॉनमिक्स में ग्रेजुएट इशिता किशोर ने देश में प्रथम स्थान हासिल किया है। इशिता किशोर को उज्जवल भविष्य असीम शुभकामनाएं। नोट: अनारक्षित कोटे से मतलब बिना आरक्षण (खैरात) का है।
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फेसबुक पर सूरज यादव नाम के एक यूजर ने लिखा कि इशिता किशोर यादव जी को UPSC एग्जाम में प्रथम स्थान आने पर बहुत बहुत बधाई। वहीं इसके बाद आवेश तिवारी नाम के एक यूजर ने लिखा कि बड़ा खुलासा: सिविल सर्विसेज टॉपर इशिता किशोर कायस्थ नहीं बल्कि मुज़फ्फ़रपुरिहा कुशवाहा है। अपनी सफलता के बारे में बताया इशिता किशोर
इस तरह से सोशल मीडिया पर लोग तरह तरह के पोस्ट लिख रहे हैं। फेसबुक से लेकर लोग गूगल पर इशिता किशोर की जाति के बारे में सर्च कर रहे हैं। वहीं अपनी सफलता के बारे में बात करते हुए इशिता किशोर ने कहा कि मैं अपने रिजल्ट को लेकर खुद हैरान हूं। मुझे ये तो भरोसा था कि इस बार मैं सफल हो जाऊंगी लेकिन टॉप करने की बात नहीं सोची थी। इशिता का यह तीसरा प्रयास था। पहले दो प्रयास में उन्हें पीटी में ही सफलता नहीं मिली थी।
इस तरह से सोशल मीडिया पर लोग तरह तरह के पोस्ट लिख रहे हैं। फेसबुक से लेकर लोग गूगल पर इशिता किशोर की जाति के बारे में सर्च कर रहे हैं। वहीं अपनी सफलता के बारे में बात करते हुए इशिता किशोर ने कहा कि मैं अपने रिजल्ट को लेकर खुद हैरान हूं। मुझे ये तो भरोसा था कि इस बार मैं सफल हो जाऊंगी लेकिन टॉप करने की बात नहीं सोची थी। इशिता का यह तीसरा प्रयास था। पहले दो प्रयास में उन्हें पीटी में ही सफलता नहीं मिली थी।