
जब इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज हुए साइबर ठगी का शिकार, जाने तब क्या हुआ, जमानत देने से इनकार
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट जज भी साइबर ठगी का शिकार हुए तो पुलिस ने तत्काल रूप से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। मामले में आरोपी को न्यायालय से राहत नहीं मिली है। जज से धोखाधड़ी करके 50 हजार निकालने वाले आरोपी शैलेष की जमानत अर्जी को सेशन कार्य ने खारिज कर दिया है। अपर सत्र न्यायाधीश आलोक श्रीवास्तव ने आरोपित शैलेश यादव की जमानत अर्जी पर उसके अधिवक्ता और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुशील कुमार वैश्य के तर्कों को सुनने एवं पत्रावली पर उपलब्ध कागजातों का अवलोकन करने के बाद जमानत अर्जी नामंजूर की। मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि आरोपित के कब्जे से 124 फर्जी आधार कार्ड, 393 एक्टिवेटेड सिम, 113 नान एक्टिवेटेड सिम, फिंगरप्रिंट मशीन सहित कई मोाबइल होने की बात कही गई है, जो जमानत का पर्याप्त आधार नहीं है। इसीलिए आरोपी के पास से उसके आरोप सिद्ध करने के पर्याप्त सबूत मिले हैं।
साइबर ठग ने जज को बनाया निशाना
हाईकोर्ट के न्यायाधीस सरल श्रीवास्तव के निजी सचिव सुनील शर्मा ने तत्काल रूप से ठगी की सूचना एसएसपी को दी थी, जिसके आधार पर कैंट थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। पुलिस ने तेजी से जांच करते हुए आरोपित शैलेष को गिरफ्तार किया और धोखाधड़ी में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रानिक उपकरण बरामद किए। अभियुक्त पर आरोप है कि वह लोगों को वाट्सएप से संदेश देकर उनके खाता संख्या और तमाम जानकारियां प्राप्त कर पैसा दूसरे खाते में अंतरित करा लेता था। इसी तरह से इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज को निशाना बनाया।
आरोपी फर्जी दस्तावेज के आधार पर मोबाइल सिम को एक्टिवेट कर लेते थे और फिर बंगाल व अन्य प्रदेशों में बेचता भी था। ऐसे कई मामले सामने आए जिसमें उसका भी हाथ था। लगातार प्रयागराज में इस तरह के मामले सामने आए तो पुलिस ने साइबर आरोपी को खोजने में जुट गई।
Published on:
16 Mar 2022 12:09 pm
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