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जयसमंद बांध में 10 फीट पानी आया, वन मंत्री संजय शर्मा व कलक्टर आर्तिका शुक्ला ने निरीक्षण किया

जयसमंद बांध खिलखिलाने लगा है। इस बांध में 10 फीट पानी आ चुका है।

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अकबरपुर. सरिस्का क्षेत्र में दो-तीन दिनों से लगातार हो रही बरसात से अब जयसमंद बांध खिलखिलाने लगा है। इस बांध में 10 फीट पानी आ चुका है। मंगलवार को वन राज्यमंत्री संजय शर्मा व कलक्टर आर्तिका शुक्ला ने सिलीसेढ़ झील और जयसमंद बांध का निरीक्षण किया। इस दौरान पानी बहाव क्षेत्र में रील बनाने और नहाने वालों को रोकने के अधिकारियों को निर्देश दिए।वन मंत्री शर्मा ने कहा कि रूपारेल नदी, जयसमंद बांध में और भी अधिक पानी का संचय करने के लिए राज्य सरकार की बजट घोषणा के तहत कार्य किया जाएं। इस बारे में अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी दिए। इधर सिलीसेढ़ झील से भी करीब 3 इंच पानी ओवरफ्लो हो रहा है। जिसे लेकर कलक्टर ने जयसमंद बांध और सिलीसेढ झील पहुंच कर जायजा लिया। इस दौरान पानी बहाव क्षेत्र में नहा रहे लोगों और रील बनाने वाले को पानी से दूर रहने की हिदायत दी। उन्हें समझाया कि अभी मानसून सक्रिय है। बारिश के दौरान अचानक तेज बहाव में डूबने या बहने से दुर्घटना होने की संभावना रहती है। इस तरह की अप्रिय घटना रोकने के लिए कलक्टर ने जलाशयों के समीप चेतावनी बोर्ड लगवाने के लिए भी संबंधित विभाग को दिशा निर्देश दिए।

हटाएंगे अतिक्रमण

कलक्टर ने कहा कि नटनी का बारा से जयसमंद बांध तक नदी के बहाव क्षेत्र से अतिक्रमण व अवरोधकों को हटाया जाएगा। जिससे पानी जयसमंध बांध में अधिक संरक्षित हो सके। 2016 में जयसमंद बांध में करीब 16 फीट पानी आया था। अब प्रयास रहेगा कि इस महीने में हो रही बारिश का पानी ज्यादा से ज्यादा बांध में पहुंचे। राज्य सरकार की ओर से भी बजट घोषणा में रूपारेल नदी को नियमित बहने के लिए तैयारी की है। नदी में भी अवरोध व अतिक्रमण होगा, उनको हटाया जाएगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह बांध 1996 में भरा था। तब बांध की ऊपरा भी चली थी। उसके बाद खाली ही पड़ा रहा। अब पानी की आवक होने से जयसमंद बांध स्थित जल महल के चारों तरफ भी पानी भर गया। उन्होंने बताया जयसमंद बांध के पेटे में करीब साढ़े तीन से 4 फीट मिट्टी जमा है। प्रशासन को मिट्टी की खुदाई करवानी चाहिए।

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सुरक्षा दीवार धराशायी

उमरैण पंचायत स्थित राबावि के रास्ते की सुरक्षा दीवार रात्रि को तेज बरसात से ढह गई। इससे रास्ता बाधित हो गया। अधिक समस्या छात्राओं को हुई। राबावि ऊंचाई पर स्थित है। जहां चढ़ाई पर होने के कारण रास्ते के बराबर में सुरक्षा दीवार बनाई गई थी। बरसात के कारण सुरक्षा दीवार ढह गई। इससे मकान व विद्यालय को खतरा हो सकता है। हालांकि इस मार्ग पर आने जाने पर रोक लगा दी है।

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रैणी क्षेत्र में रुक-रुककर बरसा पानी, खेत हुए लबालब

रैणी. कस्बे सहित क्षेत्र के बबेली, परबैनी, रामपुरा रोड, रामपुरा, करणपुरा व आसपास के गांवों में सोमवार रात्रि को रुक-रुक कर बारिश का दौर चलता रहा। इस दौरान कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश होती रही, जिससे खेत लबालब हो गए। रैणी के बाजार सहित कई जगहों पर पानी भर गया। जिससे लोगों को असुविधा भी हुई। हालांकि रैणी के बांध कलां, पुराना बांध, डेरा बांध में पानी की आवक नहीं हो पाई। मुकेश मीणा, रतिराम आदि ने बताया कि अगर इसी तरह बरसात का क्रम जारी रहा तो बांधों को लाभ मिल सकता है। अभी तक रैणी क्षेत्र में नाममात्र की बारिश हुई है।

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कठूमर में 18 मिमी बारिश

कठूमर. उपखंड क्षेत्र में लगातार तीन दिन से जारी वर्षा से मंगलवार को राहत मिली है। हालांकि चौबीस बीते घंटे में मुख्यालय पर 18 मिमी बारिश हुई है। लगातार बारिश के चलते खेतों मेंं पकी बाजरे की फसल में पानी भर गया। खड़ी फसलों को किसान काट नहीं पा रहे। फसल गलने की आशंका से किसान चिंता में हैं।

छाए रहे काले बादल

सकट. कस्बे में काले बादल छाहे रहे। इस दौरान बूंदाबांदी होकर रह गई। क्षेत्र में सुबह के समय मौसम साफ रहा, लेकिन दोपहर में बूंदाबांदी हुई।