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सरिस्का अभयारण्य में अगले साल जून तक चलेंगी 20 इलेक्ट्रिक बसें

सरिस्का में 20 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन अगले साल जून तक होगा। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इसके लिए 6 माह का अतिरिक्त समय मांगा है। इलेक्ट्रिक बस चलने से वन्यजीवों को अनावश्यक शोरगुल से निजात मिलेगी

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सरिस्का में 20 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन अगले साल जून तक होगा। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इसके लिए 6 माह का अतिरिक्त समय मांगा है। इलेक्ट्रिक बस चलने से वन्यजीवों को अनावश्यक शोरगुल से निजात मिलेगी, वहीं सरिस्का के जंगल में प्रदूषण नहीं फैलेगा। हालांकि सरिस्का प्रशासन की ओर से अब तक इलेक्ट्रिक वाहन चलाने को लेकर कोई बड़ी तैयारी नहीं हुई है। बैठकें जरूर हो गई हैं। इलेक्ट्रिक बसों को लाने व उनके संचालन पर सरकार के स्तर पर निर्णय होना है।

सेंट्रल एपावर्ड कमेटी ने पेश की थी रिपोर्ट 

सुप्रीम कोर्ट की सेंट्रल एपावर्ड कमेटी ने इसी साल सरिस्का का दौरा कर पांडूपोल तक चलने वाले वाहनों की िस्थिति देखी थी। कमेटी ने इसे गंभीर माना। यहां से रिपोर्ट बनाकर कोर्ट में पेश की। कमेटी ने कहा था कि पांडूपोल तक जाने वाले डीजल व पेट्रोल के वाहनों के कारण शोर हो रहा है। इससे वन्यजीव विचलित हो रहे हैं।

प्रजनन क्षमता तक प्रभावित हो रही है। प्रदूषण से वन्यजीवों के अलावा अन्य नुकसान भी हो रहे हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2024 तक इलेक्ट्रिक बस चलाने के आदेश दिए थे। समय सीमा कम होने के कारण सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट लगाकर 6 माह का अतिरिक्त समय मांग लिया था।

प्रशासन, सरिस्का, परिवहन निगम, परिवहन विभा व, पर्यटन विभाग ने कुछ समय पहले बैठक करके इलेक्ट्रिक बस चलाने पर मंथन किया। इसमें तय हुआ कि 20 बसों का संचालन होगा, लेकिन बसें उद्योगों की ओर से सामाजिक दायित्व के तहत ली जाएंगी। इनके संचालन से लेकर चालकों की व्यवस्था व चार्जिंग प्वाइंट बनाने को लेकर भी मंथन हुआ। हालांकि अब तक समुचित योजना पर मुहर नहीं लग पाई। बताते हैं कि इसी माह में सरकार के स्तर पर बैठक होगी। वहीं पर निर्णय होगा।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जा रहा है। जैसे-जैसे समय सिफारिशों को लागू करने के लिए दिया गया है, उसी के अनुसार काम हो रहा है। कोर्ट में अगली सुनवाई होगी, उसमें फाइनल निर्णय होने के बाद इस कार्य को और तेज कर दिया जाएगा। - संग्राम सिंह, क्षेत्रीय निदेशक, सरिस्का टाइगर रिजर्व