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ऑफलाइन में हो गए 50, ऑनलाइन में अभी तक भी प्रदेश में 33 ही जिले….पढें यह न्यूज

ऑफलाइन में हो गए 50, ऑनलाइन में अभी तक भी प्रदेश में 33 ही जिले, शिक्षा विभाग के शाला दर्पण पर नए जिलों का नहीं हुआ अपडेशन। अलवर से तोड़कर बनाए गए नए जिलों को भी जिला शिक्षा अधिकारी तो मिले, पर अधिकार नहीं। खैरथल-तिजारा और बहरोड-कोटपूतली का ऑनलाइन काम देख रहे अलवर के अधिकारी।

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 50 districts in offline, still 33 districts in online in the state...read this news

ऑफलाइन में हो गए 50, ऑनलाइन में अभी तक भी प्रदेश में 33 ही जिले, शिक्षा विभाग के शाला दर्पण पर नए जिलों का नहीं हुआ अपडेशन।

नौगांवा. प्रदेश में जिलों को लेकर शिक्षा विभाग में अजीब स्थिति बनी हुई है। ऑफलाइन हो रहे सभी कार्य 50 जिलों के हिसाब से हो रहे हैं, लेकिन शिक्षा विभाग के ऑनलाइन शाला दर्पण पोर्टल पर पुराने 33 जिलों का ही अपडेशन हैं। नए जिलों का अपडेशन नहीं होने से स्कूल व शिक्षकों की स्थिति, पोषाहार, बच्चों की तादाद जैसी सूचनाओं को लेकर नए जिलों के संबंधित अधिकारियों, कार्मिकों व लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
सूबे की तत्कालीन कांग्रेस सरकार के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट घोषणा के दौरान प्रदेश में 19 नए जिलों की घोषणा कर इनकी संख्या 50 तक पहुंचा दी थी। इसके बाद चुनाव से एन वक्त पहले तीन और जिलों की घोषणा कर 53 जिले कर दिए थे, लेकिन बाद वाले इन तीन जिलों पर एंपलीमेंट नहीं होने से इन्हें तो निरस्त कर दिए, लेकिन अन्य नए जिलों का भी अभी तक शिक्षा विभाग के शाला दर्पण पर अपडेशन नहीं हो सका है।

आदेश कर रहे पुराने जिलों के अधिकारी
मजे की बात यह भी है कि नए जिलों को जिला शिक्षा अधिकारी तो मिल गए, लेकिन आदेश अभी भी पुराने जिले के अधिकारी ही कर रहे हैं। पूर्व राज्य सरकार ने अपने अंतिम बजट के दौरान पूरक मांगों में नए जिलों की घोषणा की थी। इससे पहले 33 जिले थे। इसके बाद चंद माह में सरकार ने प्रशासनिक अमला लगाया तो शिक्षा विभाग में भी जिला स्तरीय अधिकारियों को नियुक्ति कर दी। इनमें ऑफलाइन होने वाले कार्य जैसे खेलकूद प्रतियोगिताएं, शिक्षकों के प्रशिक्षण, शिक्षकों को अवकाश, बोर्ड परीक्षा आयोजन आदि कार्य नए जिले के अनुसार हो रहे हैं तो दूसरी ओर ऑनलाइन शाला दर्पण पोर्टल में अभी 33 जिलों का ही अपडेशन होने से नए जिले को लेकर पुख्ता जानकारी शिक्षा विभागीय पोर्टल पर उपलब्ध नहीं हो रही है।

यह आ रही समस्या

नए जिलों के हिसाब से अपडेशन नहीं होने पर कई तरह का नुकसान हो सकता है। जिले के अनुसार विभिन्न योजनाओं के तहत मिलने वाला बजट पुराने जिले के अनुसार मिलने से विकास कार्य पर प्रभाव पड़ रहा है। स्कूलों में पदों की तादाद, विभिन्न योजनाओं के तहत मिलने वाली छात्रवृत्ति व अन्य योजनाओं का लाभ अलवर से बनाए गए नए दोनों जिलों में बंट रहा है। नए जिले में जिला शिक्षा अधिकारी तो लग गए, लेकिन विभिन्न योजनाओं का बजट, शिक्षकों की नियुक्ति, नव चयनित शिक्षकों को नियुक्ति आदि कार्य अभी भी पुराने जिले के अधिकारियों के हाथ में ही है।


वित्तीय वर्ष से हो जाएगा 50 जिलों का अपडेशन
नए जिलों के अनुसार शाला दर्पण पोर्टल पर अपडेशन का कार्य चल रहा है। आगामी वित्तीय वर्ष से शाला दर्पण पर नए जिलों का भी डाटा अलग होगा। अभी आँनलाइन कार्यो का निस्तारण हमारी ओर से ही किया जा रहा है।
नेकीराम जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक, अलवर।