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चिडि़याघर के 70 फीसदी हिस्से में ग्रीनबेल्ट, 30 प्रतिशत में रहेंगे जानवर व पक्षी

– कटीघाटी में बनने वाले जू के लिए जमीन का निर्धारण पूरा – पक्षियों का बसेरा अलग होगा, एनक्लोजर आधा दर्जन बनेंगे Alwar: कटीघाटी में बनने वाले चिडि़याघर की जमीन का बंटवारा मानकों के अनुसार हो गया है। सौ बीघा जमीन में से 70 बीघा जमीन पर ग्रीनबेल्ट होगी। यानी 70 प्रतिशत एरिया हरियाली के […]

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अलवर

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susheel kumar

Jun 25, 2025

- कटीघाटी में बनने वाले जू के लिए जमीन का निर्धारण पूरा

- पक्षियों का बसेरा अलग होगा, एनक्लोजर आधा दर्जन बनेंगे

Alwar: कटीघाटी में बनने वाले चिडि़याघर की जमीन का बंटवारा मानकों के अनुसार हो गया है। सौ बीघा जमीन में से 70 बीघा जमीन पर ग्रीनबेल्ट होगी। यानी 70 प्रतिशत एरिया हरियाली के नाम होगा। बाकी 30 बीघा जमीन जानवरों व पक्षियों के लिए होगी। यह कुल जमीन का 30 प्रतिशत हिस्सा होगा।

अलवर वन मंडल की ओर से तय किए गए मानकों के मुताबिक पक्षियों के लिए यहां अलग से बसेरा होगा, जिसमें 90 से ज्यादा प्रजातियों के पक्षी शामिल होंगे। इनमें कुछ प्रजातियां सरिस्का टाइगर रिजर्व में पाए जाने वाली भी शामिल होंगी। प्रवासी पक्षी भी अपना ठिकाना यहां बना सकें और मनोरंजन के लिए आ सकें, उसके लिए तालाब भी बनेगा, जो झील की शक्ल में होगा। टाइगर, लेपर्ड, भालू समेत अन्य जानवरों के लिए आधा दर्जन एनक्लोजर एक्सपर्ट तैयार करेंगे। जानवर कहां से आएंगे, यह चिडि़याघर अथॉरिटी ही तय करेगी। अफसरों का कहना है कि यह चिडि़याघर सबसे अलग होगा।

चिडि़याघर की बाउंड्रीवाल का काम पूरा

चिडि़याघर की बाउंड्रीवाल का काम दो माह में पूरा हो गया है। इसकी डीपीआर डेढ़ माह में तैयार हो जाएगी। उसके बाद जमीन पर काम शुरू होगा। प्रदेश सरकार पहले चरण में जू पर 25 करोड़ खर्च करेगी। वन मंडल एक अधिकारी का कहना है कि कटीघाटी की वास्तविक पहचान वैसी ही रहेगी। ऊंचाई से भी पूरा चिडि़याघर दिखेगा।

जंगल सफारी के लिए अलग से ट्रैक होगा

जंगल सफारी के लिए चिडि़याघर में अलग से ट्रैक बनाया जाएगा। हालांकि इसका शुभारंभ पहले चरण में होना संभव नहीं होगा। पहले चिडि़याघर का संचालन होगा और उसके बाद जंगल सफारी।

चिडि़याघर प्रोजेक्ट पर तेजी से कार्य चल रहा है। डीपीआर तैयार होने वाली है। यहां ग्रीनरी भरपूर रहेगी।

- संजय शर्मा, पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)