20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

दो दिन से लगातार रात को आसमान में दिखाई दे रही रहस्यमयी तारों की सी कतार

राजस्थान के पुलिस जिला भिवाड़ी से सटे पड़ोसी राज्य हरियाणा के औद्योगिक नगर धारूहेड़ा सहित क्षेत्र में रात के समय दिल्ली की ओर आसमान में जैसे ही नजर पड़ती है तो तारों की कतार सी रहस्यमयी रोशनी दिखाई पड़ती है। क्षेत्र में लगातार दो दिन से ऐसा ही नजारा नजर आ रहा है। यह रोशनी प्रत्यक्ष दर्शियों व अन्य लोगों के लिए कोतूहल बनी हुई है।

2 min read
Google source verification
आसमान में दिखाई पड़ती रोशनी में तारों की कतार

धारूहेड़ा. रात को आसमान में दिखाई पड़ती रोशनी में तारों की कतार।

भिवाड़ी. राजस्थान के पुलिस जिला भिवाड़ी से सटे पड़ोसी राज्य हरियाणा के औद्योगिक नगर धारूहेड़ा सहित क्षेत्र में रात के समय दिल्ली की ओर आसमान में जैसे ही नजर पड़ती है तो तारों की कतार सी रहस्यमयी रोशनी दिखाई पड़ती है। क्षेत्र में लगातार दो दिन से ऐसा ही नजारा नजर आ रहा है। यह रोशनी प्रत्यक्ष दर्शियों व अन्य लोगों के लिए कोतूहल बनी हुई है। इस नजारे को लोग काफी देर तक देख रहे हैं, लेकिन इसका रहस्य किसी को पता ही नहीं है।


लोगों की ओर से आसमान से इस रोशनी का फोटो लेकर सोशल मीडिया पर शेयर भी किया जा रहा है। धीरज सैनी, राजकुमार, रमेश, अनिल आदि का कहना है कि दो दिन से आसमान में रंगीन तारों की रोशनी लाइन में दिखाई दे रही है। हालांकि माना यह भी जा रहा है कि कई शहरों में एक कतार में जल रही लाइट किसी फाइटर प्लेन के निकलने के दौरान यह रंगीन रोशनी तारों की कतार सी आसमान में नजर आ रही है।


पर्वत शृंखलाओं में किया सर्वेक्षण, मिली पेड़-पौधों की 150 से ज्यादा प्रजातियां
हरियाणा स्थित इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी मीरपुर व वन विभाग की ओर से धारूहेड़ा सहित क्षेत्र की अरावली की शृंखलाओं में विशेषज्ञों की टीम ने सर्वे किया है। सर्वे के दौरान पहाडिय़ों में पेड़-पौधों की 150 से ज्यादा प्रजातियां मिली है। इनमें औषधीय पौधे भी शामिल है। इसके अलावा जीव-जंतुओं की भी कई प्रजातियां देखी गई है।


जैव विविधता प्रबंधन समिति और स्थानीय लोगों को जैव विविधता रजिस्टर (पीबीआर) के बारे में जानकारी देते हुए उन्हें अवगत कराया गया कि इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य जिले की जैव विविधता की पहचान करने व तेजी से खत्म होती जा रही वनस्पतियों की पहचान कर उनका संरक्षण करना है। साथ ही लोगों को जैव विविधता संरक्षण के प्रति जागरूक भी करना है। इस सर्वे में आईजीयू मीरपुर के कुलपति प्रो. जेपी यादव, जिला वन अधिकारी सुंदरलाल, जैव विविधता बोर्ड हरियाणा के जूलोजी एक्सपर्ट डॉ. विक्रम, डॉ. एनके यादव, डॉ. अल्पा यादव ने मुख्य भूमिका निभाई।