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एक्सप्रेस-वे के बाद उद्योगों को लगने लगे पंख, कम पड़ रहे प्लॉट

उम्मीद : रीको ने जिले में आठ इण्डस्ट्रीज एरिया के लिए की जमीन चिह्नित

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एक्सप्रेस-वे के बाद उद्योगों को लगने लगे पंख, कम पड़ रहे प्लॉट

एक्सप्रेस-वे के बाद उद्योगों को लगने लगे पंख, कम पड़ रहे प्लॉट

अलवर. जिले में यातायात के साधन बढऩे व भारत माला योजना के तहत बने एक्सप्रेस-वे के शुरू होने के बाद यहां उद्योगों को भी पंख लगने शुरू हो गए हैं। मत्स्य औद्योगिक एरिया में अब प्लॉट कम पडऩे लगे हैं। यहां उद्योग लगाने के लिए रुझान बढ़ रहा है। ऐसे में राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम की ओर से जिले में इण्डस्ट्रीज के लिए आठ नए स्थान चिह्नित किए हैं। इसके बाद यहां उद्योगों की संख्या तेजी से बढ़ सकेगी।
मत्स्य औद्योगिक एरिया में 700 से अधिक प्लॉट है। इनमें से करीब 550 से अधिक में यूनिटें संचालित हैं और कुछ निर्माण कार्य चल रहा है। इनके कुछ समय में संचालित होने की उम्मीद है। एरिया में उद्योग लगाने के लिए रुझान बढ़ रहा है। ऐसे में अब यहां प्लॉट की संख्या कम पड़ रही है।

बेहतर कनेक्टिविटी का असर
रीको अधिकारियों का कहना है कि एमआईए से दिल्ली, हरियाणा, भरतपुर आदि की सडक़ें कुछ समय में सही हुई है। इसके अलावा एमआईए से आगे शीतल के समीप एक्सप्रेस-वे से जुड़ाव होने के बाद तो कई शहरों की दूरी कम हुई है। इसके चलते यहां उद्योग लगाने के लिए लोग आ रहे हैं। आने वाले दिनों में एक्सप्रेस-वे आसपास उद्योग पनप सकते हैं।

कम पानी इस्तेमाल वाले कारखानों को प्राथमिकता
अधिकारियों की माने से अलवर डार्क जोन में है। इसके चलते यहां कम पानी में काम चलाने वाले उद्योगों को प्राथमिकता दी जा रही है। इसमें पीवीसी पाइप, प्लास्टिक से आइटम सहित इस तरह के अन्य उद्योग शामिल है।

आठ जगह की गई चिह्नित
एमआईए में प्लॉट कम होने के कारण जिले में नए उद्योग एरिया विकसित करने के लिए आठ स्थानों का चयन किया गया है। इसमें रामगढ़, बानसूर, मालाखेड़ा, लक्ष्मणगढ़, नारायणपुर व रैणी सहित आठ स्थान है।

उद्योगों से क्षेत्र में बढ़ते है रोजगार के अवसर
मत्स्य उद्योग संघ के अध्यक्ष गोङ्क्षवद गर्ग का कहना है कि जहां भी इण्डस्ट्रीज आती है तो लोगों को रोजगार मिलता है। यदि यहा आठ से दस नई यूनिट चालू होती है, तो करीब एक हजार लोगों को सीधा रोजगार मिल सकता है। इसके अलावा अप्रत्यक्ष रूप से भी रोजगार के अवसर उपलब्ध होते हैं। रीको की जिले में आठ स्थानों पर नए उद्योग क्षेत्र विकसित करने की योजना मूर्त रूप लेती है, तो वहां यूनिट आने के बाद हजारों लोगों के रोजगार के द्वार खुलेंगे।


इनका कहना है
रीको के पास एमआईए में प्लॉटों की कमी है। एक्सप्रेस-वे बनने के बाद इस तरफ रुझान बढ़ा है। जिले में इण्डस्ट्रीज एरिया के लिए जिले में आठ नए स्थान चिह्नित किए गए हैं। वहीं एमआईए में कुछ यूनिटों का कार्य चल रहा है।
परेश सक्सैना, यूनिट हैड रीको अलवर।