
Al Qaeda Network in Rajasthan: अलवर। राजस्थान के भिवाड़ी से आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़े 6 संदिग्धों को हथियारों के साथ गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और भिवाड़ी पुलिस की संयुक्त टीम ने संदिग्ध आतंकियों को चौपानकी थाना क्षेत्र के सारेकलां गांव के जंगलों से गिरफ्तार किया है। पकड़े गए संदिग्ध भिवाड़ी जिले में हथियार चलाने की ट्रेनिंग ले रहे थे। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि आखिर अलकायदा ने भिवाड़ी के जंगलों को ही ट्रेनिंग के लिए क्यों चुना?
दरअसल, चौपानकी थाना इलाके का सारेकलां गांव राजस्थान बॉर्डर का अंतिम गांव है। यहां से आगे हरियाणा की सीमा शुरू हो जाती है। इस गांव के चारों तरफ दुर्गम जंगल और पहाड़ी क्षेत्र है। यहां बाहर से आने वाले लोगों और सुरक्षा बलों का मूवमेंट नहीं होता। जिसे देखते हुए हो अल- कायदा के आतंकी मॉड्यूल ने आतंकियों को हथियार और गोला-बारूद चलाने के लिए ट्रेनिंग सेंटर के रूप में चुना।
पूर्व में भी यहां से आइक चोरी और गोकशी के मामले होते रहे हैं। राजस्थान हरियाणा का बॉर्डर का फायदा उठाकर अपराधी भाग निकलते, लेकिन आतंकी गतिविधि का पता लगने पर दिल्ली एटीएस और राजस्थान पुलिस ने गोपनीय रूप से कार्रवाई को अंजाम देते हुए यहां से छह आतंकियों को हथियारों के जखीरे के साथ धरदबोचा।
जानकारी के अनुसार चौपानकी के सारेकलां गांव में पिछले काफी समय अल-कायदा के आतंकी मॉड्यूल का ट्रेनिंग सेंटर चल रहा था। जहां अन्य राज्यों से आतंकियों को लाकर हथियार और गोला-बारूद चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा था, लेकिन भिवाड़ी पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। आतंकियों का इतना बड़ा ट्रेनिंग सेंटर बिना स्थानीय लोगों के सहयोग चलना मुश्किल है। एटीएस और पुलिस आतंकियों के स्थानीय नेटवर्क को खंगालने में जुटी है। जल्द ही क्षेत्र के संदिग्ध लोगों से पूछताछ की जा सकती है। रेंज आईजी ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।
आतंकी संगठन कायदा के मॉड्यूल से जुड़ाव एवं राष्ट्र विरोधी गतिविधि में शामिल होने की वजह से जुलाई 2021 में एटीएस ने तिजारा के बैंगनहेड़ी निवासी असरुद्दीन को गिरफ्तार किया था। उसके द्वारा एक धर्म के प्रति नफरत और दूसरे से जुड़ने संबंधी सामग्री का प्रचार प्रसार किया जाता था। चह पाकिस्तान में लगातार बातचीत करता था। एटीएस ने एक बार उसे हिदायत देकर छोड़ दिया था, लेकिन कुछ समय बाद उसने दोबारा संदिग्ध गतिविधि करना शुरू कर दिया।
सोशल मीडिया पर धार्मिक भावनाएं भड़काता था। एक दर्जन ग्रुपों से जुड़ा हुआ था। राष्ट्र विरोधी बातों से युवाओं को उकसाने का काम करता था। गांव में बहुत ही सीधा बनकर रहता था। ग्रामीण उसे बहुत ही सीधा सच्या समझते थे लेकिन उसकी जड़ें बहुत गहरी हो गई थीं। उसके पास आठ सिम थीं। अलग-अलग नाम से सोशल मीडिया एकाउंट बना रखे थे। उसे विदेश से कुछ राशि भी भेजी गई थी। पुलिस पूछताछ में भी वह सामान्य व्यवहार करता था।
Updated on:
23 Aug 2024 09:07 am
Published on:
23 Aug 2024 08:09 am
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