शहर के मध्य में रोडवेज बस स्टैंड बना हुआ है, लेकिन बसों की संख्या बढ़ने से जाम की स्थिति बनती है। इससे लोगों को परेशानी होती है। इसी को देखते हुए रोडवेज के विस्तार की योजना तीन साल पहले बनाई गई।
हनुमान सर्किल पर 3 साल पहले नया रोडवेज बस स्टैंड बनाने की कवायद शुरू की गई थी, लेकिन अब तक यह धरातल पर नहीं आया। अब यूआईटी ने बस स्टैंड के लिए जमीन अधिग्रहण कर ली है। इसके लिए आरएसआरटीसी से 7.20 करोड़ रुपए की मांग की है। यह कंपनसेशन देने के बाद जमीन रोडवेज के नाम हो जाएगी। हालांकि अभी रोडवेज ने इसकी अनुमति नहीं दी है। वहीं दूसरी ओर, यूआईटी जमीन का रेफरेंस कोर्ट में जमा करा रही है। जानकारों का कहना है कि अगर सरकारी काम की यही रफ्तार रही तो नया रोडवेज बस स्टैंड जमीन पर आने में तीन से चार साल लग सकते हैं।
शहर के मध्य में रोडवेज बस स्टैंड बना हुआ है, लेकिन बसों की संख्या बढ़ने से जाम की स्थिति बनती है। इससे लोगों को परेशानी होती है। इसी को देखते हुए रोडवेज के विस्तार की योजना तीन साल पहले बनाई गई। इसको लेकर यूआईटी ने काम शुरू किया था लेकिन बीच में ही रुक गया। अब प्रदेश सरकार ने रोडवेज बस स्टैंड बनाने की घोषणा कि तो यूआईटी ने काम तेज कर दिया। जमीन का अधिग्रहण किया गया। जमीन का कंपनसेशन 7.20 करोड़ लगाया गया है जो रोडवेज को देना है। इस पर सहमति अभी नहीं बन पाई।
बस स्टैंड के लिए सरकार ने 62 करोड़ रुपए की मंजूरी दे दी है। 6 माह पहले दी गई यह मंजूरी दौड़ नहीं पाई। मालूम हो कि पुराना रोडवेज बस स्टैंड की जमीन यूआईटी अपने पास रखना चाहती थी, लेकिन इसके लिए रोडवेज अभी तैयार नहीं है। क्योंकि यह बेशकीमती जमीन है। ऐसे में जमीन का आदान-प्रदान होना संभव नहीं लग रहा है।
आरएसआरटीसी से 7.20 करोड़ रुपए कंपनसेशन मांगा है। वह यह देंगे तो जमीन उनको दे दी जाएगी। इसको लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों से वार्ता चल रही है। यूआईटी जमीन का रेफरेंस कोर्ट में जमा करा रही है।
-स्नेहल नाना, सचिव, यूआईटी