शिक्षकों ने दिया 2 दिवस का वेतन, एक परिवार आगे आया- राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय अजबपुरा थानागाजी का स्कूल भवन कुछ दिन पूर्व हीजीर्ण-शीर्ण स्थिति में था सभी कमरों की छत टपकती थी, जगह जगह से प्लास्टर उखड़ गया था। वर्षों से स्कूल की पुताई नहीं हुई थी।प्रधानाचार्य रामफूल मीना और स्थानीय अध्यापक सुरेश शर्मा की पहल पर सबसे पहले स्थानीय निवासी मामोडिया परिवार आगे आया। यहां के शिक्षकों ने अपना दो दिन का वेतन इस पुनीत काम के लिए दिया। यहां के मामोडिया परिवार के लोगों ने 10 लाख रुपए लगाकर इस विद्यालय का आभा ही बदल दी। इस स्कूल के मूल स्वरूप में परिवर्तन व साज सज्जा का कार्य समसा के इंजीनियर व स्कूल डिजाइन के विशेषज्ञ राजेश लवानिया की देखरेख में हुआ। इस विद्यालय को आकर्षक रूप दिया गया। इसके एक -एक स्पेस पर ज्ञानवर्धक चित्र तो कहीं वाक्य लिखे गए।
इसका परिणाम यह रहा कि यहां नामांकन 500 से बढकऱ 700 को पार कर गया। मामोडिया परिवार के रामस्वरूप मामोडिया, हरिकिशन, सुरेश व तुलसी मामोडिया ने इसके लिए स्कूल में विकास कार्यों के लिए हर संभव राशि देने का वायदा करते हुए कहा कि इसके लिए धन की कमी नहीं आने दी जाएगी और यही हुआ। इसी परिवार के लोगों ने 60 वर्ष पूर्व इस स्कूल मे 15 कमरे बनाए थे। उस समय इस परिवार के लोग जयनारायणइस परिवार के वंशजों को बुलाकर दुबारा से स्कूल में विकास कार्य करवाए गए जो यहां प्रेरणा स्रोत बन गया है। थानागाजी से दूर होने के कारण इस परिवार के लोगों ने यहां 1960 में स्टाफ के लिए क्वार्टर तक बनवाए और तत्कालीन सरकार को एक साल तक शिक्षकों का वेतन तक देने की घोषणा की। इस परिवार के लोग गांव छोड़ चुके थे जिन्हें प्रधानाध्यापक और शिक्षक सुरेश शर्मा ने वार्षिकोत्सव में बुलाया और ये विकास कार्य हो सका।