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अलवर है सब्जी हब, फूड प्रोसेसिंग इकाई बन सकेंगी युवाओं के लिए सम्बल

अलवर जिला बीते दस सालों में सब्जी व कई फलों का हब बन गया है। यहां की कई सब्जियां व फल दिल्ली व समीपवर्ती एनसीआर क्षेत्र की रसोई की आवश्यकता को पूरा कर रहा है। इस क्षेत्र में फूड प्रोसेसिंग इकाइयों के विकास की संभावना है। अलवर जिले की कई तहसीलों में सब्जी, प्याज व फूलों सहित आंवले की खूब खेती होती है। यहां का टमाटर दिल्ली की फाइव स्टार होटलों में जायके को बढ़ाता है। रैणी क्षेत्र की छोटी भिंडी दिल्ली में खूब पसंद की जाती है।

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अलवर है सब्जी हब, फूड प्रोसेसिंग इकाई बन सकेंगी युवाओं के लिए सम्बल

अलवर है सब्जी हब, फूड प्रोसेसिंग इकाई बन सकेंगी युवाओं के लिए सम्बल

अलवर जिला बीते दस सालों में सब्जी व कई फलों का हब बन गया है। यहां की कई सब्जियां व फल दिल्ली व समीपवर्ती एनसीआर क्षेत्र की रसोई की आवश्यकता को पूरा कर रहा है। इस क्षेत्र में फूड प्रोसेसिंग इकाइयों के विकास की संभावना है। अलवर जिले की कई तहसीलों में सब्जी, प्याज व फूलों सहित आंवले की खूब खेती होती है। यहां का टमाटर दिल्ली की फाइव स्टार होटलों में जायके को बढ़ाता है। रैणी क्षेत्र की छोटी भिंडी दिल्ली में खूब पसंद की जाती है। इसी प्रकार यहां के भड़ते वाले बैंगन, घीया व पैठा दिल्ली वासियों की पहली पसंद है। अलवर जिला प्याज की पैदावार में देश में अव्वल हो गया है। यहां के लाल प्याज देश ही नहीं विदेशों में भी शाकाहारी व मांसाहारी दोनों तरह के लोगों की पसंद है। यहां के प्याज को ले जाकर उत्तर प्रदेश के कई जिलों में उसकी ग्रेवी बनाकर विदेशों में भेजी जाती है। अलवर जिले में तरबूज व खरबूजा भी अच्छा मीठा माना जात है। अलवर जिले के थानागाजी सहित कई तहसीलों में होने वाले आंवले से मुरब्बा बनाकर बेचा जाता है। इन सबके बावजूद अलवर जिले में फूड प्रोसेसिंग इकाइयो की महत्ती आवश्यकता है।
अभी फैंक दी सब्जी व फूल-
लॉक डाउन के समय सप्लाई बंद होने से अलवर जिले के हजारों किसानों ने सब्जी व फूल सडक़ पर ही फैंक दिए। यदि इस क्षेत्र में फूड प्रोसेसिंग इकाई होती तो यहां इनका भुगतान लाखों में मिलता।
यह कहते हैं विशेषज्ञ-
अर्थशास्त्री डॉ. सत्यभान यादव कहते हैं कि यदि इस प्रकार के लघु उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए और युवाओं को इससे जोड़ा जाए तो यहां हजारों युवाओं को बाहर जाकर नौकरी करने की जरूरत ही नहीं पड़े और अलवर फूड प्रोसेसिंग इकाइयों के रूप में उभर सकता है।
कृषि उप निदेशक पी.सी. मीणा का कहना है कि अलवर जिले के कई क्षेत्रों में फूड प्रोसेसिंग इकाइयों को आसानी से चलाया जा सकता है। इससे यहां रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
खाद व बीज विक्रेता संघ के अध्यक्ष नरेश गोयल कहते हैं कि इस क्षेत्र में फूड प्रोसेसिंग इकाई के संचालित होने की व्यापक संभावना है जिससे इनकार नहीं किया जा सकता है। अलवर को दिल्ली के समीप होने का भी फायदा मिल सकता है। राज्य सरकार यहां फूड प्रोसेसिंग जोन भी बना सकती है।

कांग्रस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने की थी घोषणा-
राज्य में विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां कांग्रेस की सरकार के आने पर फूड प्रोसेसिंग इकाइयां संचालित करने की घोषणा की थी। प्रदेश की सरकार ने यहां एक भी बड़ी फूड प्रोसेसिंग इकाई चालू नहीं की है। इसके चालू होने से यहां बाहर से भी श्रमिक नहीं लाने पड़ेंगे और स्थानीय श्रमिकों को रोजगार मिल सकेगा।
यह कहते हैं श्रम मंत्री-
मेरे विधानसभा क्षेत्र अलवर ग्रामीण में चुनावी सभा के दौरान कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने फूड प्रोसेसिंग इकाई शुरू करने का वायदा किया था। यहां फूड प्रोसेसिंग इकाई खोलने के लिए प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा जाएगा।
-टीकाराम जूली, श्रम राज्य मंत्री, राजस्थान सरकार।