करीब आधे घंटे तक वे अलवर जंक्शन पर रुके और निरीक्षण के दौरान अलवर-मथुरा लाइन की मेंटेनेंस और स्थिति को देखा। जीएम ने बताया कि निरीक्षण के दौरान इन सेक्शन में क्रिटिकल चीजों का निरीक्षण किया गया है। पूरे खंड में प्रशिक्षित कर्मचारी काम कर रहे हैं या नहीं, इसका भी निरीक्षण किया गया है। पूरे रेलवे के सिस्टम की चेकिंग की गई है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे परिस्थितियां सामान्य हो रही हैं, रेलवे की ओर से नई ट्रेनों को चलाया जा रहा है। जीएम ने कहा कि अलवर-मथुरा रूट पर जहां पानी की व्यवस्था नहीं है, वहां व्यवस्था की जाएगी। फ़िलहाल टैंकर से पानी पहुंचाया जा रहा है।
मेल-एक्सप्रेस की श्रेणी में चल रही ट्रेनें, किराया भी उसी हिसाब से
जीएम के कहा कि कोविड प्रोटोकॉल्स के चलते सभी ट्रेनों को मेल-एक्सप्रेस की श्रेणी में स्पेशल ट्रेन की श्रेणी में चलाया जा रहा है। जो ट्रेनें परमिट हुई हैं वे मेल-एक्सप्रेस के रूप में परमिट हुई हैं। इसलिए किराया भी उसी हिसाब से लिया जा रहा है। यह सिस्टम का अंग है। अभी कोरोना का संक्रमण बरकरार है, ऐसे अभी कोरोना समाप्त नहीं हुआ है, अगर कोरोना काल में ट्रेनें चलानी हैं तो सावधानियां बरतनी चाहिए।
एक-दो दिन में चलेंगी 6 अनारक्षित ट्रेनें रेलवे की ओर से अलवर रूट पर अगले एक-दो दिन में छह अनारक्षित ट्रेनें चलाई जाएंगी। इस संदर्भ में उच्च अधिकारियों के निर्देश मिल चुके हैं। निर्देश मिले हैं कि स्टेशनों पर अगर स्टाफ की कमी है तो थर्मल जांच में लगे कर्मचारियों को हटाया जा सकता है। वहीं अनारक्षित खिड़कियां शॉर्ट नोटिस पर शुरू करने के लिए तैयार रहने के लिए भी कहा गया है।