अलवर- जयपुर सडक़ मार्ग सरिस्का के बीचों बीच से होकर गुजरता है। यहां वाहनों की टक्कर एवं उनके पहियों के नीचे आने वाले वन्यजीवों की जान बचाने के लिए पहले भी यहां एलिवेटेड रोड की मांग उठती रही है। एलिवेटेड रोड निर्माण में खर्चा ज्यादा आने के कारण हर बार यह मांग ठंडे बस्ते में चली गई। लेकिन अब अलवर-जयपुर सडक़ मार्ग पर सरिस्का के अधीन कुशालगढ़ से थानागाजी तक एलिवेटेड रोड निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसके लिए वन विभाग, प्रदेश सरकार व एनएचएआई काम कर रहा है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही इस मार्ग पर एलिवेटेड रोड का काम शुरू हो सकता है।
सरिस्का बाघ परियोजना से गुजरने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में इस मार्ग को बंद करने के आदेश दिए थे। जिला प्रशासन व वन विभाग ने सरिस्का से गुजरने वाले रोड के विकल्प के रूप में कुशालगढ़ होकर दूसरा बाइपास रोड तैयार किया। लेकिन बाइपास रोड से अभी भारी वाहन गुजर रहे हैं। दो पहिया एवं हल्के चार पहिया वाहन, रोडवेज बस आदि सरिस्का होकर गुजर रहे रोड से ही निकल रही हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट की ओर से सरिस्का बाघ परियोजना में रोड निर्माण पर रोक के चलते इस मार्ग की हालत ज्यादा खराब हो चुकी है।
एक रिसर्च में हुआ खुलासा, दो महीने में 261 वन्यजीवों की मौत पिछले दिनों एक रिसर्च के अनुसार 15 जून 2020 से 16 अगस्त 2020 के बीच नटनी का बारा से थानागाजी तक 20 किलोमीटर सडक़ मार्ग पर 261 जानवरों की मौत हुई। इसमें 46 प्रजातीय के पक्षी व जानवर शामिल थे। इसमें सांप, पक्षी, मोर, मंदक आदि शामिल है। ऐसे में साफ है एक साल में 1560 से ज्यादा पक्षी व जानवरों की सडक़ हादसे में मौत होती है। इस मार्ग पर पैंथर, सांभर, बारहसिंघा, नीलगाय जैसे जानवरों की भी मौत के मामले सामने आ चुके हैं।