
400 मतदान दल रिजर्व में
लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 384 ग्राम पंचायतों में उपचुनाव के तहत वोट डाले जाएंगे। इसके लिए 19 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं। इनमें 1971 मतदान केन्द्र पूर्व में गठित किए गए, वहीं मतदाताओं की संख्या बढऩे पर 8 मतदान केन्द्र अलग से उन्हीं भवनों या आसपास बनाए गए हैं। इनमें से चार मतदान केन्द्र दौसा जिले में बनाए गए हैं। इन चार मतदान केन्द्रों में 2 को संवेदनशील घोषित किया गया है। मतदान के लिए 1987 मतदान दलों के अलावा करीब 400 मतदान दल रिजर्व में रखे गए हैं।
2700 वीवीपैट मंगवाई
जिले में चुनाव में पहली बार ईवीएम के साथ वीवीपैट का उपयोग किया जाएगा। इसके लिए करीब 2700 ईवीएम एवं 2700 ही वीवीपैट मशीनें मंगवाई गई हैं।
15 हजार से ज्यादा कर्मचारी कराएंगे मतदान
उपचुनाव में 15 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। मतदान कर्मियों को मतदान केन्द्रों तक पहुंचाने के लिए एक हजार से ज्यादा वाहनों का अधिग्रहण हुआ था। वहीं पुलिसकर्मियों के लिए वाहन अलग से होंगे।
पहली बार बूथ पर नजर आएगी वीवीपैट सहायिका
अलवर ञ्च पत्रिका. अलवर सहित प्रदेशभर में होने वाले उप चुनाव में पहली बार वीवीपैट मशीनों का उपयोग होगा। इस मशीन के बारे में मतदाता को जागरूक करने व इसके फायदे बताने के लिए प्रत्येक बूथ पर वीवीपैट सहायिका लगाई गई हैं। वे विशेष ड्रेस में रहेगी।
जिले में 1987 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं। प्रत्येक मतदान केंद्र पर एक वीवीपैट मशीन होगी। इसके अलावा प्रत्येक केंद्र पर एक वीवीपैट सहायिका लगाई गई है। जो वीवीपैट मशीन पर नजर रखेगी व लोगों को वीपीपैट मशीन के बारे में जानकारी देगी। निर्वाचन आयोग की तरफ से इन सहायिकाओं को विशेष ट्रेनिंग दी गई है। पहचान के लिए इनकों एक जैकेट व एक कैप दी गई है। वहीं वीवीपैट मशीन पर अगर किसी भी तरह की रोशनी पड़ती है तो, मशीन बंद हो सकती है।
धूप सेकती रही सहायिका
अलवर शहर में अधिकांश बूथों पर वीवीपैट सहायिका धूप सेकती नजर आई। कई मतदान केन्द्रों पर वीवीपैट मशीनों में खराबी के चलत कई स्थानों पर मशीनों को बदला गया। इधर कई मतदान केन्द्रों पर अंदर मतदान चलता रहा ओर वीवीपैट सहायिका मतदान स्थल के बाहर धूप सेकती रही। इस दौरान मतदान बूथ का निरिक्षण होता रहा लेकिन इस कर्मचारी की ओर किसी का भी ध्यान नही गया।
Published on:
29 Jan 2018 02:56 pm
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