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राजस्थान के किसान पंचायत चुनाव में व्यस्त, इधर हरियाणा से व्यापार कर रहे प्रदेश के व्यापारी

locationअलवरPublished: Sep 28, 2020 11:38:25 pm

Submitted by:

Lubhavan

कृषि उपज मंडी में एक साल से गेहूं का बाजार खत्म सा हो गया है। गेहूं की खपत यहां की आटा मीलों में है तथा इसकी कुछ स्थानीय खपत है। इसका कारण सरकार की ओर से मिलने वाला निशुल्क गेहूं है। निशुल्क गेहूं के कारण बाजार में गेहूं की बिकवाली कम हो गई है।

Alwar Mustard Industries Purchasing Mustard From Haryana

राजस्थान के किसान पंचायत चुनाव में व्यस्त, इधर हरियाणा से व्यापार कर रहे प्रदेश के व्यापारी

अलवर. पिछले एक सप्ताह से अलवर कृषि उपज मंडी में कृषि जिंसों की आवक बहुत कम हो गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत चुनाव होने के कारण कि सान इनमें व्यस्त है, जिसके कारण कृषि जिंसों की आवक कम हो रही है।
अलवर मंडी में इन दिनों मात्र कपास व बाजरे की आवक है। कपास की इस समय करीब 4 हजार पोट प्रतिदिन आ रही है। इसके भाव इन दिनों 4700 से 5100 रुपए प्रति क्विंटल है। अलवर जिले में कपास के प्रति किसानों का रुझान निरन्तर बढ़ा है, जिसके चलते प्रति वर्ष कपास की फसल की बुवाई का दायरा भी बढऩे लगा है। इस साल जिले में कपास की पैदावार में कई जगह मामूली नुकसान है।
हरियाणा की सरसों का निकाल रहे तेल-

केडल गंज व्यापारिक संचालन समिति के सचिव बिजेन्द्र गोयल बताते हैं कि अलवर की मंडियों में सरसों के भाव 42 प्रतिशत कंडीशन के 5200 से 5300 रुपए प्रति क्विंटल हैं। इस समय अलवर जिले के सभी तेल मीलों को प्रतिदिन 2 लाख बोरियों की आवश्यकता है जिसके लिए यहां की तेल मील पूरी तरह सरकारी एजेंसियों पर निर्भर है। इस समय अलवर की तेल मीलों में अधिकतर सरसों हरियाणा से आ रही है। सरसों के स्टाकिस्ट भी सक्रिय हैं। अलवर जिले में कई नामी कम्पनियों ने सरसों का भारी स्टॉक कर रखा है। अलवर के अधिकतर किसानों ने अपनी सरसों का स्टॉक बेच दिया है।
मुफ्त के गेहूं ने बिगाड़ा बाजार का गणित-

अलवर कृषि उपज मंडी में एक साल से गेहूं का बाजार खत्म सा हो गया है। गेहूं की खपत यहां की आटा मीलों में है तथा इसकी कुछ स्थानीय खपत है। इसका कारण सरकार की ओर से मिलने वाला निशुल्क गेहूं है। निशुल्क गेहूं के कारण बाजार में गेहूं की बिकवाली कम हो गई है। गरीब परिवार बााजार से गेहूं नहीं खरीद रहे हैं। मध्यम व उच्च वर्ग के परिवार साल में एक बार गेहूं का स्टॉक कर लेता है, वहीं सैकड़ों परिवार गेहूं की बजाए सीधा ही आटा लाने लगे हैं।
बाजरा के भावों में मामूली सुधार-

केडल गंज व्यापारिक संचालन समिति के अध्यक्ष सुरेश जलालपुरिया ने बताया कि इन दिनों बाजरा की आवक बनी हुई है जिसके भावों में प्रति क्विंटल 100 रुपए का सुधार हुआ है। यह माना जा रहा है कि आगामी दिनों में सरसों के भावों में और तेजी आएगी। ग्वार की बिकवाली नहीं है जिसके भाव 3700 रुपए प्रति क्विंटल पर थम गए हैं।
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