
भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण व परिजन (फोटो - पत्रिका)
अलवर ज़िले के लक्ष्मणगढ़ उपखंड क्षेत्र के बीचगांवा गांव में दो कांवड़ियों की करंट लगने से हुई दर्दनाक मौत के मामले ने परिजन अभी भी भूख हड़ताल पर बैठे हैं। हादसे के बाद प्रशासन की ओर से मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की गई थी, लेकिन मृतकों के परिवारजन और ग्रामीण इससे असंतुष्ट हैं। इसी के चलते दूसरे दिन भी गांव के लोग बीचगांवा बस स्टैंड पर भूख हड़ताल पर बैठे रहे।
भूख हड़ताल पर बैठे लोगों की मांग है कि मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये मुआवजा, एक-एक सरकारी नौकरी और करंट लगने से झुलसे अन्य लोगों को उचित आर्थिक सहायता दी जाए। परिजनों का कहना है कि सरकार द्वारा घोषित राशि नाकाफी है और हादसे की गंभीरता को देखते हुए न्यायोचित मुआवजा दिया जाना चाहिए। भाजपा नेता श्याम सुंदर मीना भी पीड़ित परिवारों की मांगों का समर्थन करते हुए भूख हड़ताल में शामिल हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि यह हादसा लापरवाही का परिणाम है और प्रशासन को जवाबदेह बनाते हुए पीड़ितों को पूरी सहायता दी जानी चाहिए। गौरतलब है कि यह हादसा उस समय हुआ था जब कांवड़ यात्रा पर निकले युवकों की गाड़ी बिजली के हाईटेंशन लाइन को छू गई थी। जिससे करंट फैल गया और दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 32 अन्य लोग झुलस गए थे। घटना के बाद से गांव में शोक का माहौल है और ग्रामीणों में रोष बना हुआ है।
Updated on:
25 Jul 2025 01:17 pm
Published on:
25 Jul 2025 12:25 pm
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