
फोटो - प्रतीकात्मक (पत्रिका)
जिला परिषद अलवर से जारी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर जयपुर जिला परिषद में नौकरी कर रहे 17 लिपिकों के अनुभव प्रमाण पत्र जिला परिषद अलवर को सत्यापन के लिए जयपुर जिला परिषद सीईओ प्रतिभा वर्मा ने भिजवाए थे। अलवर परिषद ने इनमें से 16 अनुभव प्रमाण पत्र सही पाए और उनकी सत्यापन रिपोर्ट जयपुर जिला परिषद को भिजवा दी।
इसमें एक संदिग्ध अनुभव प्रमाण पत्र सामने आया है। इस अभ्यर्थी ने फोटो कॉपी के आधार पर ही जयपुर जिला परिषद में क्लर्क की नौकरी पाई है। यह अनुभव प्रमाण पत्र सहायक अभियंता, वाटरशेड पंचायत समिति रामगढ़ की ओर से जारी किया गया है।
जारी किए गए अनुभव प्रमाण पत्र में लिखा गया है कि संबंधित अभ्यर्थी ग्राम पंचायत खूंटेटा कला में जल ग्रहण समिति का सचिव रहा है। इस अनुभव प्रमाण पत्र पर एसीईओ की मुहर लगाई गई है, जबकि अनुभव प्रमाण पत्र सीईओ को जारी करने थे। वाटरशेड योजना के एक रिटायर्ड अधिशासी अभियंता ने बताया की वाटरशेड योजना में अनुभव प्रमाण पत्र भी डब्ल्यूडीटी को ही जारी किए गए थे। जल ग्रहण समिति के सचिव को कोई अनुभव प्रमाण पत्र जारी नहीं किए गए।
अनुभव प्रमाण पत्र संदिग्ध होने के कारण जिला परिषद ने जयपुर को भेजे सत्यापन में इसको शामिल नहीं किया। सूत्रों के अनुसार इस अनुभव प्रमाण पत्र पर कई जगह अफसरों के हस्ताक्षर ही अंकित नहीं हैं। इससे पहले जयपुर जिला परिषद में अलवर जिला परिषद के सीईओ के फर्जी हस्ताक्षर, मुहर से अनुभव प्रमाण पत्र और सत्यापन रिपोर्ट से दो लिपिकों नीलम व जगदीश ने नौकरी पाई थी, जिनको पिछले साल बर्खास्त किया गया था।
Published on:
10 Jul 2025 11:58 am
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